इस्लामाबाद
:
पाकिस्तान चुनावों में जीत के साथ ही इमरान खान + ने अपनी विदेश नीति को
लेकर संकेत देने शुरू कर दिए हैं। भारत को लेकर उन्होंने अच्छे रिश्तों की
कोशिश की बात जरूर की, लेकिन पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया है कि उनका झुकाव
चीन की तरफ है। उन्होंने जीत के बाद मीडिया कॉन्फ्रेंस में अपनी विदेश नीति
को लेकर नजरिया स्पष्ट किया। खान ने कहा कि उनकी सरकार चीन, सऊदी अरब और
ईरान के साथ मजबूत संबंधों की दिशा में आगे बढ़ेगी। साथ ही अमेरिका के साथ
खराब होते रिश्तों को लेकर उन्होंने संकेत दे दिया है कि इसे सुधारना उनकी
प्राथमिकता में नहीं है।
जिसने चीन को अपना मित्र मान लिया, उस पर विश्वास कर लिया और उस पर निर्भर
हो गया, उसको अल्लाह भी नहीं बचा सकता|
इमरान खान ने कहा, 'किसी भी और देश को शांति की इतनी जरूरत नहीं है जितनी
पाकिस्तान + को है।' हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि मुल्क में शांति
बहाल करने के लिए पाकिस्तान को अमेरिका की जरूरत नहीं है। अमेरिका के
प्रेजिडेंट डॉनल्ड ट्रंप के बयानों पर खान ने कहा, 'हम अमेरिका के साथ
बेहतर रिश्तों की उम्मीद करते हैं, लेकिन यह एकतरफा नहीं हो सकता।' भारत के
लिए बोले, 'ब्लेम गेम से नहीं चलेगा काम'
भारत के साथ संबंधों पर पूर्व क्रिकेट कप्तान ने कहा, 'पाकिस्तान में कुछ
भी गलत हो रहा है उसके लिए भारत जिम्मेदार है और ठीक यही आरोप भारत
पाकिस्तान पर लगाए। इस ब्लेम गेम से किसी का कोई लाभ नहीं होने वाला है।
आगे बढ़ने के लिए यह तरीका ठीक नहीं हो सकता है। उपमहाद्वीप में शांति और
स्थिरता के लिए दोनों मुल्कों को बराबरी पर आना होगा।' 'चीन से सीखेंगे
गरीबी-भ्रष्टाचार से लड़ना'
अपनी विदेश नीति में चीन + को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए उन्होंने
कहा कि चीन के साथ संबंध दोनों मुल्कों के लिए अहम हैं। उन्होंने कहा, 'चीन
ने चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर निर्माण के साथ हमें एक मौका दिया है।
हमें चीन से अभी यह भी सीखना है कि कैसे अपने देश के लोगों को गरीबी से
बाहर निकालना है और कैसे भ्रष्टाचार से निपटना है।' खान ने स्पष्ट तौर पर
चीन के साथ अपने संबंध मजबूत बनाने को प्राथमिकता बताया।
सऊदी अरब को बताया मुश्किल वक्त का साथी
सऊदी अरब को पाकिस्तान का पुराना साथी बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे
मुश्किल वक्त में भी सऊदी ने साथ नहीं छोड़ा। पीटीआई पार्टी प्रमुख ने कहा,
'हम सऊदी के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की कोशिश करेंगे और उनकी
आंतरिक समस्या को सुलझाने में अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करेंगे।' तालिबान
के साथ बातचीत की वकालत करने और कथित झुकाव के लिए आलोचकों के निशाने पर
रहे इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान बॉर्डर को खुला रखने और शांतिपूर्ण
वार्ता हमारी आज भी प्राथमिकता है।
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शानदार जीत के बाद विदेश नीति पर बोले इमरान खान, 'चीन-ईरान और सऊदी हमारे खास दोस्त'- imran-khan-rebuffs-us-focus-on-china-says-will-boost-ties
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