मॉब लिंचिंग की घटनाओं से निपटने के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम, बनाई उच्च स्तरीय कमिटी- mob-lynching-centre-to-set-up-a-high-level-committee

नई दिल्ली: देशभर में लगातार हो रहीं मॉब लिंचिंग की घटनाओं से चिंतित केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन करने का फैसला किया है। सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में इस कमिटी का गठन किया है। कमिटी को चार हफ्तों में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके अलावा केंद्र ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) भी बनाने का फैसला किया है जो उच्च स्तरीय कमिटी की अनुशंसाओं पर विचार करेगी। जीओएम में राजनाथ सिंह के अलावा विदेश मंत्री , कानून मंत्री, सड़क एवं परिवहन मंत्री, जल संसाधन मंत्री और सामाजिक न्याय मंत्री शामिल होंगे। जीओएम अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेगा। कमिटी में गृह सचिव के अलावा कानूनी मामलों के सचिव, विधि सचिव, संसदीय विभाग के सचिव और सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के सचिव शामिल हैं। बता दें कि केंद्र सरकार मॉब लिंचिंग को दंडनीय अपराध के तौर पर परिभाषित करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन कर सकती है। सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी थी। अधिकारी ने बताया कि एक मॉडल कानून का मसौदा तैयार करने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है, जिसे राज्य सरकारें मॉब लिंचिंग की घटनाएं रोकने के लिए अपना सकें। उन्होंने कहा, 'सबकुछ शुरुआती चरण में है, क्योंकि केंद्र को नया कानून बनाने को कहने वाले उच्चतम न्यायालय के समूचे आदेश का परीक्षण करने की आवश्यकता है।' हालिया महीनों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर लोगों की हत्या कर दिए जाने के कई मामले देश भर से सामने आए हैं। ताजा घटना राजस्थान में हुई जहां बीते शुक्रवार को गौ तस्करी के संदेह पर भीड़ ने एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी। भारत में भीड़ हत्या की बढ़ती घटनाओं की निंदा करते हुए उच्चतम न्यायालय ने बीते मंगलवार को सरकार से कहा था कि वह ऐसे मामलों से निपटने के लिए कानून बनाए। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने भीड़ हत्या की घटनाओं को 'भीड़तंत्र का भयावह कृत्य' करार दिया था।
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