NRC पर राज्यसभा में बोले शाह- हममें ही थी हिम्मत, विपक्ष का हंगामा-does-opposition-want-to-save-bangladeshi

नई दिल्ली: असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) में 40 लाख लोगों के नाम शामिल न किए जाने के मुद्दे पर मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में गर्मागर्म बहस हुई। राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि वह आज इस पर सवाल उठा रही है, जबकि इसकी पहल खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने की थी। शाह ने कहा कि कांग्रेस के पास असम समझौते को लागू करने की हिम्मत नहीं थी और बीजेपी सरकार ने हिम्मत दिखाकर यह काम किया है। शाह ने NRC के विरोध को देश में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को बचाने की कोशिश करार दिया। शाह के बयान पर विपक्षी सांसदों ने जबर्दस्त हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि चर्चा के दौरान कोई यह नहीं बता रहा है कि NRC का मूल कहां है, यह आया कहां से है। उन्होंने कहा, 'अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर असम के सैकड़ों युवा शहीद हुए। 14 अगस्त 1985 को पूर्व पीएम राजीव गांधी ने असम अकॉर्ड लागू किया था। यही समझौता NRC की आत्मा थी। इस समझौते में यह प्रावधान था कि अवैध घुसपैठियों को पहचानकर उनको सिटिजन रजिस्टर से अलग कर एक नैशनल रजिस्टर बनाया जाएगा।' शाह ने कांग्रेस पर अवैध बांग्लादेशियों को लेकर नरमी दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा, 'कांग्रेस के पीएम ने यह समझौता किया, लेकिन यह पार्टी इसे लागू नहीं कर सकी। हममें हिम्मत थी और इसलिए हमने इसपर अमल किया।' उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा कि वह क्यों अवैध घुसपैठियों को बचाना चाहती है? शाह के इस बयान के बाद राज्यसभा में शोर-शराबा होने लगा। कांग्रेस के सदस्य शोरगुल करते हुए चेयरमैन के आसन तक पहुंच गए। भारी शोर-शराबे के कारण कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था। लगातार शोरगुल के बाद चैयरमैन ने राज्यसभा की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद फिर कांग्रेस के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके बाद चेयरमैन ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
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