मेहुल चोकसी को सता रहा 'मॉब लिंचिंग' का डर, वॉरंट रद्द करने की लगाई गुहार- pnb-fraud-mehul-choksi-fear-mob-lynching

मॉब लिंचिंग शब्द देश में बेहद आम हो चला है, अब कभी भी कहीं भी यह सुनाई दे जाता है. अब इस शब्द का इस्तेमाल लोग देश नहीं लौटने के बहाने में भी करने लगे हैं. कम से कम मेहुल चोकसी ने स्वदेश नहीं लौटने का यही बहाना बनाया है. 13,000 करोड़ के पीएनबी के महाघोटाले में नीरव मोदी के साथ मुख्य आरोपियों में शामिल उनके मामा मेहुल चोकसी ने पत्र लिखकर कहा है कि अगर वह जांच में सहयोग के लिए भारत आते हैं, तो वह मॉब लिंचिंग का शिकार हो सकते हैं. कई लोगों की नाराजगी मेहुल ने मुंबई के एक कोर्ट में खुद के खिलाफ जारी गैर जमानती वॉरंट को रद्द करने के लिए आवेदन दाखिल किया है. मेहुल चोकसी के वकील संजय अबाट की ओर से आज कोर्ट में दाखिल पत्र में कहा गया है कि भारत में मॉब लिंचिंग की ढेरों घटनाएं घटी हैं और हाल के दिनों में मॉब लिंचिंग नया ट्रेंड बनता जा रहा है, उनकी कंपनी के कर्मचारियों को सैलरी खाते फ्रीज कर दिए जाने के कारण नहीं दिए जा सके हैं. कंपनी के कई कर्मचारियों को शक या किसी कारणवश गिरफ्तार कर लिया गया है, शो रूम के मालिक जिनको उनके शो रूम का किराया नहीं मिला, वो उपभोक्ता जिन्होंने उनके शो रूम से जेवर खरीदे लेकिन उसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जब्त किए जाने और कंपनी से जुड़ी सप्लाई और काम बंद होने से लोगों में मेहुल चोकसी को लेकर बेहद गुस्सा है. इन परिस्थितियों को देखते हुए मेहुल चोकसी को मॉब लिंचिंग का डरा सता रहा है. वकील संजय अबाट ने विशेष पीएमएलए कोर्ट की ओर से जारी गैर जमानती वॉरंट को रद्द किए जाने का अनुरोध किया है. एंटी करप्शन कोर्ट ने मार्च और जुलाई में ईडी की ओर से दाखिला चार्जशीट के आधार पर वॉरंट जारी किया था. अनुरोध पत्र में कहा गया है कि मेहुल चोकसी कानून को मानने वाले नागरिक है और वह कभी भी जांच या जांच करने वाली एजेंसियों से नहीं डरे. उन्होंने जांच एजेंसियों की ओर से लगातार संवाद बनाए रखा और सहयोग दिया है. पीएनबी महाघोटाला सामने आने से पहले मेहुल जनवरी से गायब हैं और जून के मध्य तक माना जाता था कि वह अमेरिका में कहीं छ्पे हुए हैं . अपने आवेदन पत्र में यह उल्लेख जरूर किया था कि खराब तबीयत के कारण वह विदेश में हैं. इस बीच उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया जिस कारण वह विदेश यात्रा नहीं कर सकते. थर्ड डिग्री या टॉर्चर का भी डर मेहुल ने अनुरोध पत्र में कहा है कि जानकारी हासिल करने के लिए ईडी या सीबीआई की ओर से थर्ड डिग्री या टॉर्चर का सहारा लिया जाता है. पत्र में सीबीआई की ओर से किए जा रहे टॉर्चर से परेशान होकर बीके बंसल की खुदकुशी का जिक्र किया गया है. अनुरोध पत्र में मेहुल की ओर से कहा गया था कि भारत में जेल की स्थिति बेहद खराब है, साथ ही जेल में बंद किए जाने की सूरत में उनका अन्य आपराधिक प्रवृत्ति (आतंक, यौन शोषण, कातिल और ड्रग तस्कर) के लोगों से सामना हो सकता है, जिससे उनकी जान का खतरा बन सकता है. साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि जेल स्टॉफ और अन्य कैदियों की ओर से उनसे बड़ स्तर पर फिरौती की मांग की जा सकती है.
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