नई
दिल्ली :
झारखंड में मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाने और लडडू खिलाने पर
चौतरफा आलोचनाओं से घिरे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने आखिरकार अब इस
मामले पर खेद जताया है। जयंत ने कहा कि अगर मेरे काम से गलत संदेश गया है
तो मैं खेद जताता हूं। बता दें कि जयंत ने पिछले सप्ताह रामगढ़ मॉब लिंचिंग
के आरोपियों को जमानत पर रिहा होने के बाद माला पहनाकर स्वागत किया था और
उन्हें लड्डू भी खिलाए थे। जयंत के इस कदम की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
और जयंत के पिता यशवंत सिन्हा समेत कई नेताओं ने निंदा की थी। यशवंत ने एक
ट्वीट कर कहा था कि अब वह नालायक बेटे के लायक बाप है।
जयंत ने कहा, 'मैंने पहले भी कहा था कि कानून अपना काम करेगा। दोषियों को
सजा मिलेगी और निर्दोष रिहा होगा। अगर मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला
पहनाने से गलत इंप्रेशन गया है तो मैं उसके लिए खेद जताता हूं।'
गौरतलब है कि रामगढ़ मॉब लिंचिंग के आरोपियों को मार्च में एक स्थानीय
फास्ट ट्रैक अदालत ने 11 लोगों को दोषी पाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा
सुनाई थी। आठ लोगों को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी। इसके बाद गत
शुक्रवार को सभी आरोपी जयंत सिन्हा के घर गए थे और मंत्री उनका माला पहनाकर
स्वागत किया था।
उधर, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अलम्नाइ जयंत के खिलाफ हार्वर्ड
विश्वविद्यालय से 2018 में स्नातक पास प्रतीक कंवल ने एक अभियान शुरू किया
है। कंवल ने कहा कि बीजेपी सांसद के कृत्य ने ‘पूरे देश को स्तब्ध कर दिया
और हमारे महान संस्थान को बदनाम किया।’ कंवल नामक एक शख्स ने विश्वविद्यालय
के अध्यक्ष को लिखे एक पत्र में कहा कि वह भारत के संबंधित नागरिकों की
तरफ से पत्र लिखने को मजबूर हुए हैं, जिसका उद्देश्य उस ‘बदनामी’ की ओर
ध्यान दिलाना है, जिसे सिन्हा (हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, 1992) ने भारत में
कराई है और अपने ‘अनर्गल कृत्य से विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाई
है।’
अभियान में कहा गया है कि सिन्हा के ‘मूर्खतापूर्ण और असंवेदनशील कृत्य’ से
भारत में जबर्दस्त गुस्सा उत्पन्न हुआ है और इस घटना की मीडिया में चौतरफा
रिपोर्टिंग हुई। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से सभी मीडिया रिपोर्ट में यह
तथ्य बताया गया है कि वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।’ कंवल
ने कहा, ‘इस परिस्थिति में, आप उनके कृत्य की निंदा करते हुए बयान जारी कर
सकते हैं। हम आपसे उनके अनुचित व्यवहार के लिए उनके अलम्नाइ स्टेटस को
वापस लेने की भी मांग करते हैं, जिसकी वजह से पूरे संस्थान का नाम बदनाम
हुआ है।’
बता दें कि पिछले साल रामगढ़ में एक मीट कारोबारी मोहम्मद अलीमुद्दीन की
भीड़ ने गोहत्या के शक में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में फास्ट
ट्रैक कोर्ट ने इसी साल मार्च महीने में 11 लोगों को दोषी करार दिया था
लेकिन पिछले हफ्ते रांची हाई कोर्ट ने उनमें से 8 की उम्रकैद की सजा पर रोक
लगाकर जमानत पर रिहा कर दिया। इसके बाद ये सभी नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत
सिन्हा के हजारीबाग स्थित आवास पहुंचे। यहां जयंत ने उन्हें गले में माला
पहनाकर स्वागत किया और मिठाई भी खिलाई। इसकी तस्वीर सामने आने के बाद जयंत
सिन्हा की हर ओर आलोचना होने लगी। इस पर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने
अपनी सफाई में कहा, 'जब उन लोगों को जमानत मिली तो वह मेरे घर आए। मैंने उन
सभी को बधाई दी। भविष्य में कानून को उसका काम करने दें। जो आरोपी हैं
उन्हें सजा मिलेगी और जो निर्दोष होंगे वह मुक्त होंगे।'
उल्लेखनीय है कि हजारीबाग के रहने वाले मोहम्मद अलीमुद्दीन का मीट का
कारोबार था। वह एक मारुति वैन से रामगढ़ से गुजर रहे थे, जब कुछ लोगों ने
उनकी गाड़ी रोक ली और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। इस दौरान उनकी वैन भी
जला दी गई थी।
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