दलाल स्ट्रीट को 2019 में मोदी सरकार की वापसी पर हैं ये आशंकाएं- signs-that-dalal-street-is-not-sure-of-modis-return


नई दिल्ली :पीएम नरेंद्र मोदी ने भले ही लाल किले की प्राचीर से अपने कार्यकाल को लेकर शानदार भाषण दिया हो, लेकिन दलाल स्ट्रीट 2019 के आम चुनावों में उनकी संभावनाओं को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। दलाल स्ट्रीट में चुनावों का काउंटडाउन शुरू होने से पहले ही इसके संकेत मिलने लगे हैं। मार्केट के जानकारों का कहना है कि ऐंटी-इनकम्बैंसी, विरोधी दलों के भी गठबंधन बनाने के चलते आम चुनावों से पहले मार्केट में कमजोर स्थिति दिख रही है। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कई मेगा प्लान्स का ऐलान किया। सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से लेकर 2022 में मानव स्पेस मिशन तक का ऐलान कर उन्होंने मजबूत, निर्णायक और प्रभावी सरकार की छवि बनाने का प्रयास किया है। हालांकि दलाल स्ट्रीट के जानकारों को इसके बाद भी कुछ आशंकाएं नजर आती हैं। जानें, क्या हैं ऐसी आशंकाएं... इतिहास खुद को दोहरा रहा? घरेलू स्टॉक मार्केट खुद ही इलेक्शन से पहले रिस्क लेने से बच रहा है। फिलिप कैपिटल के मुताबिक निफ्टी 50 ने इस साल निफ्टी 50 मिडकैप के मुकाबले 20 फीसदी अधिक बढ़त हासिल की है। इससे पहले भी आम चुनावों से पहले रिस्क लेने से बचने की स्थिति देखी जा रही है। एक नोट में ब्रोकरेज फर्म ने कहा, 'इससे पहले दो आम चुनावों से पूर्व 2008 और 2013 में भी हमने मार्केट की ऐसी स्थिति देखी थी। ऐसी स्थितियों में अब मार्केट बड़े नामों पर ही दांव लगाएगा या फिर कमाई की संभावना खासी मजबूत हो।' पीएम मोदी के दूसरे टर्म पर दांव लगा रहे निवेशक भारतीय बाजार अन्य उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों की तुलना में सामान्य से अधिक वैल्यूएशन पर है। ऐम्बिट कैपिटल ने अपने एक नोट में कहा है कि भारतीय शेयर मार्केट अन्य उभरते देशों की तुलना में बीते 5 साल में 18 पर्सेंट प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है, जो 37 फीसदी तक बढ़ा है। ब्रोकरेज फर्म ने चुनावों को आने वाले दिनों में घरेलू मार्केट के लिए 5 बड़े रिस्क में रखा है। अनुमानों के मुताबिक 2014 के आम चुनाव में 226 सीटें देने वाले 7 राज्यों से इस बार एनडीए को महज 126 सीटें ही मिलेंगी, यदि वह महागठबंधन के ब्लॉक को तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाती है। ब्रोकरेज फर्म्स का कहना है कि आने वाले चुनावों में ऐंटी-इनकम्बैंसी और महागठबंधन चुनौती साबित हो सकते हैं। हालांकि ऐम्बिट का कहना है कि बड़े पैमाने पर निवेशकों का मानना है कि मोदी सरकार को सेकंड टर्म मिलेगा और 300 से लेकर 380 तक सीटें मिल सकती हैं।
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