भारत संग यारी से चीन को साधने की कोशिश कर रहा है अमेरिका?- defence-spending-bill-passed-by-the-us-congress

वॉशिंगटन :अमेरिकी संसद ने गुरुवार को 716 अरब डॉलर का रक्षा विधेयक पारित किया जिसमें भारत के साथ रक्षा भागीदारी मजबूत करने की बात कही गई है। हालांकि, इसका एक मकसद चीन को साधना भी है। इस विधेयक में ऐसे नियम हैं जो चीन को दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समुद्री युद्ध ड्रिल रिम ऑफ द पसिफिक एक्सरसाइज (RIMPAC) का हिस्सा बनने से रोकते हैं और पेइचिंग की कंपनियों को रक्षा तथा सुरक्षा क्षेत्र के लिए कुछ दूरसंचार उपकरणों तक पहुंच से रोकते हैं। विधेयक के अनुसार, कांग्रेस का मानना है कि अमेरिका को जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अन्य सहयोगियों तथा साझेदारों के साथ मिलकर मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मूल्य बरकरार रखने की दिशा में काम करना चाहिए तथा क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता कायम करनी चाहिए ताकि चीनी सेना के आक्रामक व्यवहार पर रोक लगाई जा सके। इस विधेयक में चीन को दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय नौवहन युद्धाभ्यास रिम ऑफ द पसिफिक एक्सरसाइज (आरआईएमपीएसी) में भाग लेने से रोकने तथा उसकी कंपनियों को रक्षा तथा सुरक्षा प्रतिष्ठानों के लिए कुछ दूरसंचार उपकरण मुहैया कराने से रोकने का प्रावधान भी है। सेनेटर शेरड ब्राउन ने विधेयक पारित होने के बाद कहा, ‘विमानन, रोबॉटिक, नवीन ऊर्जा के वाहनों तथा अन्य क्षेत्रों में जहां अमेरिका ने अपने आप को वैश्विक नेता के तौर पर स्थापित किया उसमें चीन के अलावा कोई भी देश इतनी तेजी से आगे नहीं बढ़ रहा है।’ विधेयक में अमेरिका में विदेशी निवेश के लिए बनी कमिटी को चीन से उपज रहे खतरों से निपटने के लिए तैयार रखने का भी प्रावधान है। बिल में ऐसे भी प्रावधान हैं जो चीनी कंपनियों को छोटे अमेरिकी बिजनस प्रोग्रामों तक पहुंचने से रोकते हैं। भारत को ऐसे होगा फायदा नैशनल डिफेंस ऑथराइजेशन ऐक्ट बुधवार को द्विपक्षीय समर्थन के साथ पारित किया गया। रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने एक बयान में कहा, ‘यह विधेयक हमारी सेना के पुनर्निर्माण के लिए हमें 71.7 अरब डॉलर के रक्षा बजट के लिए अधिकृत करता है और हमारे गठजोड़, भागीदारी और सुधारों को मजबूती देता है।’ उन्होंने कहा, ‘विधेयक हमारे कुछ प्रमुख अमेरिकी भागीदारों और सहयोगियों को काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्संस एक्ट (सीएएटीएसए) के तहत रूस संबंधी प्रतिबंधों से राहत प्रदान करता है।’सीएएटीएसए संशोधन भारत जैसे देशों को रूस से सैन्य उपकरणों की खरीद-फरोख्त जारी रखने की इजाजत देता है, लेकिन इन देशों को रूस से रक्षा खरीद को कम करने जैसी शर्तों को पूरा करना होगा।
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