नई
दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया मामले में
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राहत देने से इनकार कर दिया है. राहुल
गांधी ने नेशनल हेराल्ड तथा यंग इंडिया के बीच लेनदेन से जुड़े टैक्स
एसेसमेंट की फाइल को दोबारा खोलने के आदेश को चुनौती दी थी.
राहुल गांधी के वकीलों ने अदालत से ये आग्रह भी किया कि इस मामले से जुड़ी
मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाई जाए. न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और
न्यायमूर्ति एके चावला की पीठ ने उनके इस आग्रह को भी ठुकरा दिया. इस मामले
की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी.
क्या है मामला
राहुल गांधी को इनकम टैक्स विभाग ने इस साल मार्च में नोटिस देकर 2011-12
के दौरान टैक्स री-एसेसमेंट करने के लिए कहा था. इनकम टैक्स विभाग का कहना
है कि राहुल गांधी ने यंग इंडिया की डायरेक्टरशिप के बारे में जानकारी नहीं
दी थी. दूसरी ओर राहुल गांधी के वकील का कहना है कि कोई आय नहीं हुई थी,
और कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती थी.अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता
द्वारा इस मामले में कोई अंतरिम आदेश देने के गांधी के वकीलों के अनुरोध का
विरोध किया. हालांकि मेहता ने पीठ को आश्वस्त किया कि अगली सुनवाई की
तारीख तक आयकर विभाग गांधी के खिलाफ कोई भी दबाव डालने वाली कार्रवाई नहीं
करेगा.
यंग इंडियन के शेयर
गांधी के वकील अदालत से अंतरिम आदेश चाहते थे क्योंकि कर आकलन से संबंधित
मामला आयकर अपीली न्यायाधिकरण में कल सूचीबद्ध है. आयकर विभाग के अनुसार
गांधी की आय का साल 2011-12 के लिये फिर से आकलन किये जाने का फैसला किया
गया है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया
था कि वह 2010 से यंग इंडियन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक थे. आयकर
विभाग के अनुसार यंग इंडियन में गांधी के पास जो शेयर हैं उससे उनकी आमदनी
154 करोड़ रुपये होगी, न कि तकरीबन 68 लाख रुपये, जैसा कि पहले आकलन किया
गया था.
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