IND vs ENG: पुजारा को बाहर कर विराट ने फिर किया हैरान- ind-vs-eng-virat-surprised-every-one-questions-being-raised

बर्मिंगम: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली अपने खेल से ही नहीं अपने फैसलों से भी खेल के जानकारों को हमेशा से हैरान करते रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में प्लेइंग इलेवन का चयन कर एक बार फिर उन्होंने ऐसा ही किया है। इस टेस्ट से एक दिन पहले विराट ने कहा था कि वह अपनी टीम का चयन 'गट फीलिंग' (मन की आवाज) के आधार पर करते हैं। एक दिन बाद ही उन्होंने जब पहले इंग्लिश टेस्ट में अपनी टीम उतारी, तो इससे चेतेश्वर पुजारा बाहर थे। प्लेइंग XI में पुजारा का नाम न देखकर बड़े-बड़े दिग्गज हैरान थे। यह सही है कि 50.34 की औसत से खेलने वाले पुजारा इन दिनों अच्छी लय में नजर नहीं आ रहे। लेकिन यह भी उतना ही सही है कि पुजारा की जगह जिन्हें (शिखर धवन) टीम में खेलने का मौका मिला है, उन्होंने भी कुछ बहुत हैरतअंगेज काम नहीं किया। बिल्कुल आप यह बहस कर सकते हैं कि केएल राहुल को तो इस टीम में मौका मिलना ही चाहिए था, लेकिन राहुल को यह मौका पुजारा के स्थान पर नंबर 3 के लिए नहीं बल्कि शिखर की जगह बतौर ओपनर दिया जा सकता था। जिन्हें साउथ अफ्रीका दौरे पर भी 2 टेस्ट में ओपनिंग पर खिलाया गया था। लेकिन अपने फैसलों से हमेशा हैरान करने वाले कोहली ने एक बार फिर शिखर को प्लेइंग XI में मौका दिया और नंबर 3 पर पुजारा से समझौता किया। कोहली के इस फैसले ने एक बार फिर कई सवाल खड़े किए हैं। भले ही एजबेस्टन की पिच फ्लैट ट्रैक हो, लेकिन इंग्लैंड नया बॉल हमेशा ही हरकत करता है, तो ऐसे में कोहली ने फैसले पर सवाल उठना लाजमी है कि विदेशों में 25.75 की टेस्ट औसत से खेलने वाले धवन के पास क्या हरकत करती बॉल को खेलने की तकनीक मिल गई है? इससे पहले जब टीम इंडिया साउथ अफ्रीका दौरे पर थी, तब भी कोहली ने अपनी 'गट फीलिंग' दिखाई थी, तब उन्होंने 3 टेस्ट की सीरीज के पहले 2 टेस्ट में उपकप्तान अजिंक्य रहाणे को बाहर बिठाया था और उनकी जगह रोहित शर्मा को मौका दिया था। इस फैसले जो टेस्ट सीरीज का जो परिणाम आया वह निराशाजनक ही था। अफ्रीका में तब पहले 2 टेस्ट में हार के बाद रहाणे को टीम में वापस मौका मिला और उससे टीम के मिडल ऑर्डर को एकबार फिर ताकत मिली और टीम इंडिया ने सीरीज के अंतिम टेस्ट में जीत दर्ज की थी। टीम चयन को लेकर कोहली हमेशा कहते आए हैं कि वह टीम चुनने के दौरान रेकॉर्ड की परवाह नहीं करते, बस वह सही टीम चुनने को तरजीह देते हैं। इसी कारण उन्होंने विदेशों में टेस्ट में हमेशा संघर्ष करने वाले शिखर धवन को मौका दिया और पुजारा जैसे क्लास बल्लेबाज को वह टीम में जगह नहीं दे पाए। अगर टीम मैनेजमेंट को यह लगता है कि यहां काउंटी खेलने वाले पुजारा का यह सीजन शानदार नहीं गया और इसके चलते उन्हें टीम से बाहर रखा जाना चाहिए, तो टीम मैनेजमेंट को यह भी सोचना चाहिए था कि प्रैक्टिस मैच में दो 0 बना चुके शिखर धवन को मौका क्यों दिया जा रहा है।
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