गंगा
सफाई मोदी सरकार के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में से है और 2014 में सत्ता
संभालते ही पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की शुरुआत की
थी. अब जबकि 2019 का चुनाव करीब है, तो प्रोजेक्ट का विश्लेषण भी किया जा
रहा है. ऐसे में गंगा सफाई की दिशा में सरकार की सक्रियता और बढ़ती दिखाई
दे रही है. हालांकि, यूपी में प्रोजेक्ट की गति को लेकर खुद केंद्रीय
मंत्री नितिन गडकरी ने ही सवाल उठा दिए हैं और बीजेपी के वरिष्ठ सांसद
मुरली मनोहर जोशी ने भी गंगा में गंदगी की सच्चाई बयान की है.
दरअसल, सोमवार को केंद्रीय जल संसाधन और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी
कानपुर पहुंचे थे. यहां उन्होंने यहां 20 घाटों का उद्घाटन किया. इस दौरान
कानपुर के चन्द्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ,
जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत क्षेत्रीय बीजेपी सांसद मुरली
मनोहर जोशी भी मौजूद थे.
इस दौरान नितिन गडकरी ने गंगा प्रोजेक्ट में देरी पर नाखुशी जाहिर करते हुए
कहा कि यहां अधिकारी टेंडर-टेंडर खेलते रहते हैं, जिसके चलते गंगा
प्रोजेक्ट में देरी हो रही है. इतना ही नहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,
गडकरी ने यहां तक कह दिया कि उत्तराखंड में एक साथ 42 प्रोजेक्ट चल रहे
हैं, जबकि यूपी में दो प्रोजेक्ट शुरू करने में ही देरी हो रही है. गडकरी
ने हर मुमकिन मदद का आश्वासन देते हुए सरकार से कहा कि आप डीपीआर (डिटेल्स
प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कीजिए, तुरंत पैसा जारी कर दिया जाएगा. गडकरी ने
साफ कहा कि भाषणबाजी से गंगा साफ नहीं होने वाली है, इसके लिए टू द प्वाइंट
काम करना पड़ेगा.
कार्यक्रम में मौजूदा कानपुर से बीजेपी सांसद और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर
जोशी ने भी गंगा में गंदगी को लेकर अपनी व्यथा प्रकट की. उन्होंने कहा,
'पवित्र कुंभ आने वाला है, लेकिन गंगा की हालत काफी खराब है. मैं अभी
इलाहाबाद गया था, वहां संतों से पता चला कि गंगाजल इस समय सिर्फ सिर पर
छिड़कने लायक बचा है, इससे आचमन भी नहीं किया जा सकता.' वरिष्ठ सांसद ने ये
बताते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति के लिए अच्छी नहीं है.
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