महाराष्ट्र में शुरू हुई नरभक्षी बाघिन की तलाश, मिलिटरी की तर्ज पर ऑपरेशन चलाएंगे फॉरेस्ट रेंजर्स

पांढरकवडा :महाराष्ट्र में एक के बाद एक इंसानों पर लगातार हो रहे हमलों के चलते नरभक्षी बाघिन की तलाश आखिरकार शुरू हो गई है। बता दें कि इस नरभक्षी बाघ का पहला शिकार एक वृद्ध महिला बनी थीं, जो कपास के खेत में पड़ी मिलीं। उनकी पीठ पर पंजे के गहरे निशान मिले थे। इसके बाद अगला शिकार एक बुजुर्ग किसान थे, जिनका बायां पैर बाघ ने खा लिया था। इसके बाद एक के बाद एक बाघ के हमले के कई मामले सामने आए। न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, आंकड़ा इस तरह बढ़ा कि एक ही दिन में दो हमलों तक की बात सामने आई। यावतमल जिसे में स्थित पांढरकवडा पहाड़ियों पर फैले तनाव का कोई हल निकलता इससे पहले ही अगस्त में पशु चराने गए एक युवक का क्षत-विक्षत शव हाइवे के पास पड़ा मिला। यह बाघिन का 12वां शिकार था। डीएनए जांच, कैमरा ट्रैप्स और पंजों के निशानों के चलते जांचकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि 5 साल की मादा बाघ अब आदमखोर हो गई है और मानव मांस के लिए शिकार कर रही है। दहशत का आलम यह है कि आसपास के गांवों के लोग रात में डंडे और मशालें लेकर गश्त पर निकलने लगे हैं। फॉरेस्ट गार्ड्स की जगह लेने वाले गांव के लोगों को मौतों के रुकने को लेकर प्रशासन पर भरोसा नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी एक बाघिन के लिए इतने लोगों पर हमला करना असामान्य जान पड़ता है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक एक नर बाघ भी इसी क्षेत्र में घूमता पाया गया है और वह भी इन हमलों में हिस्सेदार हो सकता है। फॉरेस्ट रेंजर्स अब सेना की तर्ज पर किए जाने वाले एक मुश्किल ऑपरेशन की तैयारी में जुटे हैं। इस ऑपरेशन की मदद से आदमखोर की तलाश में हाथियों पर सवाल होकर ट्रैंक्विलाइजर गन्स (बेहोश करने वाली बंदूकों) के साथ शार्प शूटर्स आदमखोर बाघिन की तलाश में निकलेंगे। बाघिन को कैद कर पास के एक चिड़ियाघर में भेजने की योजना बनाई गई है। हमलों में मरने वालों की बढ़ती संख्या के चलते कुछ स्थानीय लोगों और नेताओं ने बाघिन को जान से मारने की मांग की थी। अगस्त में हुई तीन मौतों के बाद गांववालों में बेशक आक्रोश हो, लेकिन पशुओं के खिलाफ जानलेवा कदम को सुप्रीम कोर्ट की ओर से मंजूरी नहीं है और यह गैरकानूनी है। इस बीच जंगल में बनाए गए मचानों पर रेंजर्स लगातार निगरानी कर रहे हैं और बाकी रेंजर्स को इस ऑपरेशन की तैयारी में लगाया गया है।
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment