राफेल पर सरकार के साथ वायुसेना, कहा- चीन, पाकिस्तान से मुकाबले को आधुनिकीकरण जरूरी

नई दिल्ली: राफेल डील पर विपक्ष जहां केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेर रही है, वहीं वायुसेना ने इस डील का समर्थन कर दिया है। वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने इन विमानों को जरूरी बताते हुए इसे देश की हवाई सीमाओं के लिए अहम बताया है। धनोआ ने चीन और पाकिस्तान का जिक्र कर राफेल को देश के लिए जरूरी बताया। उन्होंने बुधवार को कहा कि हमारी स्थिति अलग है। हमारे पड़ोसी परमाणु संपन्न हैं और वे अपने विमानों का आधुनिकीकरण में लगे हुए हैं। राफेल के जरिए हम मुश्किलों का सामना कर पाएंगे। बता दें कि वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल एसबी देव ने भी कुछ दिन पहले इस डील का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि इस डील की आलोचना करने वालों को इसके मानदंड और खरीद प्रक्रिया को समझना चाहिए। 'सरकार कर रही है वायुसेना को मजबूत ' 'भारतीय वायुसेना की संरचना, 2035' पर एक संगोष्ठी में धनोआ ने कहा, 'राफेल और S-400 के जरिए सरकार वायुसेना को मजबूत बनाने का काम कर रही है।' चीफ ने कहा, ' भारतीय वायुसेना के पास 42 स्क्वॉड्रन के मुकाबले हमारे पास 31 ही मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि 42 की संख्या होने पर भी यह पर्याप्त नहीं होगा।' उन्होंने कहा, 'पिछले एक दशक में चीन ने भारत से लगे स्वायत्त क्षेत्र में रोड, रेल और एयरफील्ड का तेजी विस्तार किया है।' उन्होंने राफेल विमान के केवल दो बेड़ों की खरीद को उचित बताते हुए कहा कि इस तरह के खरीद के उदाहरण पहले भी रहे हैं। 'चीन के पास 800 फोर्थ जेनरेशन विमान' धनोआ ने बताया कि हमारे सूत्रों के अनुसार चीन के पास करीब 1700 एयरक्राफ्ट हैं जिनमें, 800 फोर्थ जेनरेशन के हैं। इसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ किया जा सकता है। चीन के पास पर्याप्त संख्या में लड़ाकू विमान हैं। 'पाकिस्तान भी कर रहा खुद को अपग्रेड' पाकिस्तान ने भी F-16 विमानों के फ्लीट को अपग्रेड किया है और उसे चौथे और पांचवें जनेरेशन में बदल रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान JF17 विमान को भी शामिल कर रहा है। चीन तेजी से अपने चौथे जेनरेशन के विमानों को पांचवें जेनरेशन से बदल रहा है। 'भारत को भी रहना चाहिए तैयार' वायुसेना चीफ ने कहा कि चूंकि हमारे पड़ोसियों ने दूसरे और तीसरे जनेरेशन के विमानों को चौथे तथा पांचवें जेनरेशन के विमान से रिप्लेस कर लिया है तो हमें भी अपने विमानों को अपग्रेड करना होगा। उन्होंने कहा, 'हमें किसी प्रकार के संघर्ष की स्थिति को रोकने के लिए पूरी तैयारी करनी होगी। ताकि अगर दो मोर्चे पर भी लड़ना पड़े तो हम तैयार रहें।'
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