अपनी जमीन से अफगान-भारत कारोबार पर विचार कर रहा है पाकिस्तान

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने इस साल की शुरुआत में अफगानिस्तान से बातचीत कर इस बात के संकेत दिए थे वह भारत और अफगान के बीच अपने जमीनी रास्ते से कारोबार के पक्ष में है। अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत जॉन बास ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। जॉन बास का यह खुलासा खासा महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान बीते कई सालों से भारत के सामान को अफगानिस्तान भेजने के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दे रहा है। बास ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने दो महत्वपूर्ण डिवेलपमेंट्स के बाद अफगानिस्तान से इस संबंध में बातचीत की। उन्होंने कहा, 'हम भारत से अफगानिस्तान के लिए निर्यात में इजाफा देख रहे हैं। निसंदेह यह एक्सपोर्ट की रणनीति का भी एक हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है। अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के लिए कुछ महीनों पहले पाकिस्तान ने बात की थी। इसके अलावा पाक सरकार ने अफगानिस्तान से उन तरीकों पर भी विचार करने की बात कही, जिनसे भारत और अफगानिस्तान के बीच कारोबार को पाकिस्तान के रास्ते किया जा सके। मुंबई में आयोजित 'भारत-अफगानिस्तान ट्रेड ऐंड इन्वेस्टमेंट शो' से इतर अमेरिकी राजदूत ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की ग्रोथ में योगदान देते हुए भारतीय कंपनियों ने बड़े पैमाने पर वहां निवेश किया है। पिछले साल दिल्ली में आयोजित ट्रेड शो से भारतीय कंपनियों की ओर से अफगानिस्तान में 27 मिलियन डॉलर के निवेश का फैसला लिया गया। इसके अलावा अन्य 200 मिलियन डॉलर की राशि भी निवेश की गई। बास ने कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक स्थिरता पाकिस्तान के लॉन्ग टर्म इंटरेस्ट में है। उन्होंने कहा, 'दोनों दिशाओं में कारोबार बढ़ने से दक्षिण और मध्य एशिया के बीच संपर्क बढ़ सकेगा। पाकिस्तान की ओर से कारोबार के लिए जमीन के इस्तेमाल की अनुमति न देने से इन क्षेत्रों को नुकसान उठाना पड़ रहा था।'
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