गिरते रुपये से सरकार चिंतित, प्रधानमंत्री बुला सकते हैं आर्थिक हालात की समीक्षा बैठक

नई दिल्ली :रुपये में लगातार गिरावट चिंता का विषय बना हुआ है। इस सप्ताह के आखिरी में प्रधानमंत्री इकनॉमिक रिव्यू मीटिंग बुला सकते हैं जिससे रुपये को संभालने के लिए कदम उठाए जा सकें। जानकारी के मुताबिक सरकार तेल की कीमतों में वृद्धि के बारे में भी कोई ऐलान कर सकती है। चालू खाता घाटा और चीन-अमेरिका में ट्रेड वॉर के चलते रुपया लगातार गिर रहा है। वित्त वर्ष की इस तिमाही में चालू घाटा जीडीपी का 2.4 फीसदी हो गया है जो लगभग 16 अरब डॉलर है। मूडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 19 में भारत का सीएडी GDP के मुकाबले 2.5 हो जाएगा। सुबह बाजार खुलने के साथ ही रुपया रेकॉर्ड लो 72.90 पर पहुंच गया। बाद में जब खबर मिली की सरकार इसमें दखल देना चाहती है तो रुपये की वैल्यू में थोड़ा सुधार हुआ। इस साल रुपया 12 फीसदी गिर गया है और यह एशिया में सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाली करंसी है। इससे पहले कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सरकार आरबीआई के साथ मिलकर NRI के लिए डिपॉजिट स्कीम का ऐलान कर सकती है जिससे मुद्रा का विदेशी प्रवाह तेज हो और रुपया संभल जाए। 1 अगस्त से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के लिए रुपये की कमजोरी क्रमश: 56 और 50 फीसदी जिम्मेदार है। डॉलर के मामले में भारतीय बास्केट 3% महंगा हो गया है। पिछले 40 दिनों में तेल आयात की कीमत में तीन गुना इजाफा हो चुका है। इस बीच वित्त मंत्रालय ने कहा कि 'रुपये में निराधार गिरावट नहीं आए’ इसके लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक हर संभव प्रयास करेंगे। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट में कहा, 'रुपया ज्यादा नीचे न जाए, यह सुनिश्चित करने के लिये सरकार और आरबीआई हर संभव कदम उठाएंगे।'
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