एशियाई खेलों में मेडल जीतने वालों को सम्मानित करने का सिलसिला जारी है, वहीं मेडल जीत कर स्वदेश लौटे खिलाड़ियों की कई शिकायतें भी सामने आई हैं. मंगलवार को महिला पहलवान दिव्या काकरान ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने पर अपनी नाराजगी जताई.
एशियन गेम्स की महिला कुश्ती की कांस्य पदक विजेता दिव्या ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को कहा कि अगर उन्हें सरकारी सुविधा मिली होती, तो वो गोल्ड मेडल जीत कर लौट सकती थीं. दिव्या के साथ-साथ दिल्ली के उन खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था, जो इंडोनेशिया से मेडल जीत कर लौटे हैं.
सम्मान समारोह दौरान काकरान ने सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी. उन्होंने कहा कि जब वो एशियन चैंपियनशिप से वापस लौटीं, तो सरकार से चिट्ठी लिखकर मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्हें किसी भी तरह की सहायता मुहैया नहीं कराई गई.
दिव्या ने कहा कि उनके कोच ने अपनी नौकरी तक छोड़ दी और खुद के पैसों से उनके लिए बादाम का इंतजाम तक किया. उन्होंने कहा, 'ऐसे सम्मान का क्या फायदा, क्योंकि खिलाड़ियों को मदद की जरूरत मेडल जीतने के बाद नहीं, बल्कि पहले होती हो और तब कोई कुछ नहीं करता है.'
इस दौरान तीरंदाज अभिषेक वर्मा ने भी सरकार की नौकरी देने के पॉलिसी पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि दिल्ली के केंद्रशासित प्रदेश होने की वजह से न तो उन्हें दिल्ली सरकार में नौकरी मिलती है और न ही कोई और सहूलियत.
इस तीरंदाज ने हरियाणा सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली की तुलना में वहा खिलाड़ियों को कई गुना इनामी राशि और बेहतर नौकरी दी जाती है. जबकि दिल्ली सरकार के पास ऐसे खिलाड़ियों को नौकरी देने के लिए कोई नीति ही नहीं है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने खिलाड़ियों को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार जल्दी ही ऐसे खिलाड़ियों के लिए एक पॉलिसी लाएगी.
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