UP: डिप्टी CM केशव मौर्य के बोल, SC/ST एक्ट में OBC को फंसाया तो छोड़ेंगे नहीं-sc-st-act-dalit-obc-keshav-prasad-maurya

अनुसूचित जाति-जनजाति (SC/ST) संशोधन अधिनियम के खिलाफ सवर्ण समुदाय का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को सवर्ण समुदाय के लोगों ने भारत बंद के तहत सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. वहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मार्य ने कहा कि अगर किसी दलित ने एससी/एसटी एक्ट के जरिए पिछड़े वर्ग के लोगों को परेशान किया तो वो भी बचेगा नहीं. दूसरी तरफ, एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ गुरुवार को हुए प्रदर्शन पर केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस कानून का दुरुपयोग नहीं होने देगी. वहीं, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने शुक्रवार को कहा कि सरकार किसी दबाव में एससी/एसटी एक्ट में बदलाव नहीं करेगी, लेकिन हम यह वादा करते हैं कि इसका कोई बेजा इस्तेमाल नहीं होने देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस एक्ट में बदलाव की मांग करने की बजाय सवर्णों को खुद को बदलना चाहिए. अठावले ने कहा, 'यह कानून दलितों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए है. अगर दलितों पर हमले होंगे तो उससे बचाव के लिए कोई कानून होना ही चाहिए. ऐसे लोग जो इस कानून का विरोध कर रहे हैं, हम उनके साथ बैठकर बातचीत करना चाहते हैं. हम समझाने की कोशिश करेंगे.' उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में बदलाव की मांग करने वालों को दलितों को लेकर अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए और उनसे अच्छे से पेश आना चाहिए. मंत्री ने कहा कि दलितों को और सवर्णों को मिलकर रहना होगा. उन्होंने कहा कि खेत-खलिहान मजदूरों के साथ चलना होगा. अगर दलितों पर हमले नहीं होंगे तो यह कानून सवर्णों पर नहीं लगेगा. एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग के मामले अभी तक बहुत ही कम सामने आए हैं. एससी/एसटी संशोधन अधिनियम के खिलाफ सवर्ण समुदाय मोदी सरकार से नाराज माना जा रहा है. देश भर में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे बीजेपी बेचैन हो गई है. ऐसे में केशव मौर्य और रामदास अठावले का बयान सवर्णों और ओबीसी की नारजगी को दूर करने वाला माना जा रहा है. बता दें कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में एससी-एसटी (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) अधिनियम के खिलाफ गुरुवार को सवर्ण प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे थे. इस दौरान कई जगह आगजनी हुई, ट्रेनों को रोका गया और सड़क जाम की गईं. स्कूल और बाजार बंद रहे. इस बंद के चलते कई जिलों में कारोबार भी काफी प्रभावित हुआ.
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