नई दिल्ली: राफेल डील के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है. वकील विनीत ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कोर्ट डील पर सरकार से रिपोर्ट ले और देखे कि सब सही है या नहीं. CJI रंजन गोगोई ने कहा कि पहले दाखिल याचिका के साथ 10 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे. दरअसल, पहली याचिका एक वकील ने ही दायर की है और उसमें डील रद्द करने के साथ पीएम और अनिल अंबानी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग है. दरअसल, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राफेल डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी.
कांग्रेस ने सरकार पर लगाए थे आरोप
फ्रांस से राफेल डील मामले में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे. डील की गोपनीयता संबंधी शर्त पर फ्रांस की पुष्टि के बाद खुद पीएम ने राहुल पर पलटवार किया. इसके बाद भाजपा के चार सांसदों ने राहुल के खिलाफ इस मामले में सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस मामले में अपने रुख में नरमी नहीं लाने का संकेत देते हुए कहा है कि सौदे की गोपनीयता का इस सौदे के तहत खरीदे जाने वाले विमान की कीमत को छिपाना शामिल नहीं था.
क्या है राफेल डील?
राफेल सौदे के तहत 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भारत और फ्रांस की सरकारों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. राफेल लड़ाकू विमान दोहरे इंजन वाला अनेक भूमिकाएं निभाने वाला मध्यम लड़ाकू विमान है. इसका निर्माण फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट एविएशन करती है. राफेल विमान फ्रांस की डेसाल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है. राफेल लड़ाकू विमानों को ओमनिरोल विमानों के रूप में रखा गया है, जो कि युद्ध के समय अहम रोल निभाने में सक्षम हैं. हवाई हमला, जमीनी समर्थन, वायु वर्चस्व, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारी राफेल विमान की खूबियां हैं.
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