नई दिल्ली: डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के मकसद से दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में मांग की गई है कि 10000 रुपये से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता ने दिल्ली और केंद्र सरकार से एक महीने के भीतर इसको लेकर आदेश जारी करने को कहा है.
याचिकाकर्ता का मानना है कि 10 हजार रुपये से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन पर रोक लगाने से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा, ब्लैकमनी रखने वालों पर चोट पहुंचेगा, बेनामी ट्रांजेक्शन रुक जाएंगे. उनका मानना है कि वर्तमान में टेररिज्म, नक्सलिज्म, गैम्बलिंग, स्मगलिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, किडनैपिंग और फिरौती जैसे वारादात में केवल कैश का इस्तेमाल होता है. रोक के बाद इन सभी अपराधों में कमी आएगी.याचिकाकर्ता ने कहा कि हाई डिनोमिनेशन करेंसी का इस्तेमाल गलत कामों में होता है. इसकी वजह से जरूरी सामान महंगे हो जाते हैं. यही वजह है कि ब्लैक मनी के कारण सोना-चांदी और घर महंगा है. इसका असर पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) पर भी पड़ता है और गरीब लोगों के लिए जीना मुश्किल हो जाता है. बता दें, बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने यह याचिका दाखिल की है.
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10 हजार से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन पर बैन की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दाखिल- Loktantra Ki Buniyad
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