संदेसारा बैंक घोटाला: सोनिया गांधी के करीबी अहमद पटेल के दामाद से ED ने की पूछताछ- Lokatantara Ki Buniyad

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के करीबी अहमद पटेल (Ahmed Patel) के दामाद इरफान सिद्दीकी से 14,500 करोड़ के संदेसारा बैंक घोटाले मामले में पूछताछ की. पूछताछ करीब 9 घंटे चली और संदेसारा ग्रुप से संबधों को लेकर ईडी के अधिकारियों ने पुछताछ की. संदेसारा ग्रुप के मालिक नितिन और चेतन संदेसारा अहमद पटेल (Ahmed Patel) के काफी करीबी है और आरोप है कि संदेसारा भाईयों ने अहमद पटेल (Ahmed Patel) के कहने पर ही दिल्ली के वसंत विहार में घर खरीदा और फिर उसे रेनोवेट करवा कर दामाद इरफान सिद्दीकी को रहने के लिये दिया. आरोप है कि वो घर बैंक घोटाले के पैसों से ही खरीदा गया था.संदेसारा ग्रुप के कर्मचारी के बयान के मुताबिक वसंत विहार का घर चेतन संदेसारा ने खरीदा था और इस घर का रेनोवेशन गुरुग्राम की कंपनी बेंच क्राफ्ट नाम की कंपनी के जरिये करवाया गया था. इस पुरे रेनोवेशन की जिम्मेदारी अश्विनी नरुला के पास थी. रेनोवेशन के बाद वसंत विहार का ये घर अहमद पटेल (Ahmed Patel) के दामाद को दे दिया गया था. आरोप ये भी है कि चेतन संदेसारा की तरफ से गगन धवन ने इरफान सिद्दीकी के घर पर कई बार पैसा भी भिजवाया है. संदेसारा ग्रुप पर बैंको को 14,500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. सीबीआई ने इससे पहले 5000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में मामला दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया.ईडी की जांच में सामने आया है कि संदेसारा ग्रुप ने भारतीय बैंको की ओवरसीज ब्रांचों से भी करीब 9000 करोड़ का बैंक लोन लिया हुआ है. लोन लेने के बाद पैसों को फर्जी कंपनियों के जरिये अलग-अलग देशों में भेजा गया और उसके बाद नाइजीरिया में पार्क किया गया. ईडी ने कुछ दिनों पहले कार्रवाई करते हुये संदेसारा ग्रुप की विदेशों में 9778 करोड़ रुपये की संपति अटैच की थी, जिसमें नाइजीरिया में ऑयल फील्ड, प्लेन, शिप्स और लंदन में घर शामिल हैं.ईडी की जांच में पता लगा है कि संदेसारा ग्रुप ने अपने कर्मचारियों के नाम से भारत और विदेशों में फर्जी कंपनियां बना रखी थी. भारत में 249 और 96 कंपनियां विदेशों में थी. ये फर्जी कंपनियां यूएई, अमेरिका, इंग्लैंड, मॉरिशस, बारबाडोस, पनाना और नाइजीरिया में हैं. इन देशों में बनी फर्जी कंपनियों के जरिये रुट किया जाता था और आखिरकार पैसा नाइजीरिया में पार्क होता था. ईडी को शक है कि नितिन और चेतन संदेसारा इस समय नाईजीरिया में ही छिपे हुये हैं.
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