चार साल से थी 'नंबर चार' की जंग और अंत में वो ही बनी हार की वजह- Loktantra Ki Buniyad

नई दिल्ली: साल 2017 के बाद महेंद्र सिंह धौनी ने यह कहते हुए वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ दी कि विश्व कप 2019 से पहले विराट कोहली को अपनी टीम बनाने का मौका मिलना चाहिए। विश्व कप 2015 से टीम इंडिया में नंबर चार के लिए खिलाड़ी की तलाश है। उस वक्त टीम में नंबर चार पर अजिंक्य रहाणे खेल रहे थे। यह तलाश विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल तक पूरी नहीं हो सकी। 2011 के विश्व कप में इसी नंबर चार पर विराट कोहली खेला करते थे, लेकिन वे इस जगह के लिए उपयुक्‍त खिलाड़ी नहीं चुन पाए। अजिंक्य रहाणे- 2015 विश्व कप के बाद अजिंक्य रहाणे को काफी समय तक नंबर चार पर मौका दिया गया, लेकिन वह स्पिन पिचों पर तेजी से रन बनाने में नाकाम रहे। वह 30-40 रन बनाते रहे लेकिन बड़ा स्कोर बनाने में सफल नहीं हो पा रहे थे। उनके प्रदर्शन में निरंतरता देखने को नहीं मिली। हालांकि, टीम मैनेजमेंट ने उन्हें ज्यादा मौका नहीं दिया। अंबाति रायुडू- साल 2018, वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथे नंबर पर आकर अंबाति रायुडू ने 81 गेंदों में 100 रन की शानदार पारी खेली। इसके बाद कप्तान कोहली ने कहा था कि वर्ल्ड कप 2019 से पहले भारतीय टीम के लिए मध्यक्रम बल्लेबाजी की समस्या खत्म होती नजर आ रही है। अंबाति रायुडू ने मिले हुए मौकों को अच्छे से भुनाया है। हम खुश हैं कि नंबर चार के लिए हमारे पास एक काबिल शख्स है। हालांकि, विश्व कप से ठीक पहले उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया। उनकी जगह विजय शंकर को मौका दिया गया। इसके बाद उन्होंने क्रिकेट से संन्यास भी ले लिया। विजय शंकर- विश्व कप से पहले जिस फैसले को लेकर टीम मैनेजमेंट की आलोचना हुई, वह थी विजय शंकर को नंबर चार की जगह पर खिलाने का फैसला। चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने उन्हें 3डी प्लेयर बताया था। उन्हें विश्व कप के शुरुआत में मौका ही नहीं मिला। शिखर धवन के बाहर होने बाद, जब उन्हें मौका मिला तो वह कुछ खास नहीं कर पाए। आखिरकार चोट की वजह से वह भी विश्व कप से बाहर हो गए। रिषभ पंत- विश्व कप से पहले नंबर चार के लिए जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा थी। वह दिल्ली के युवा खिलाड़ी रिषभ पंत ही थे। उन्हें मौका न दिए जाने पर दिग्गजों ने नाराजगी जताई थी। हालांकि, विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। उससे पहले आइपीएल में भी उन्हें बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्हें विजय शंकर के बाहर हो जाने के बाद मौका दिया गया, तो उन्‍होंने अच्छा खेल दिखाया। हालांकि, उनकी पारी में वो जिम्मेदारी नहीं दिखी, जो एक परिपक्व बल्लेबाज में दिखनी चाहिए। सेमीफाइनल में वह गैर जिम्मेदाराना शॉट मारकर आउट हो गए। इन चारों खिलाड़ियों के अलावा टीम में कई प्रयोग किए गए। इसमें सुरेश रैना, केएल राहुल, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पंड्या और महेंद्र सिंह धौनी का नाम शामिल है। इस चार नंबर की जंग भारतीय टीम में विश्व कप 2019 के अंतिम चार तक चलती रही। फिर भी टीम इस बड़े सवाल को सुलझा नहीं पाई और विश्व कप में चौथे नंबर पर अपना सफर समाप्त कर दिया। अब देखना है कि आखिर मिडिल ऑर्डर के इस प्रमुख स्थान को कौन-सा खिलाड़ी आकर भरेगा। उम्मीद है कि अगले साल चार से पहले टीम इंडिया यह खिलाड़ी खोज निकालेगी।
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