जलियांवाला बाग मेमोरियल बिल से कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी में सरकार-Loktantra ki Buniyad

नई दिल्ली :केंद्र सरकार ने तीन तलाक बिल पर कांग्रेस को मात देने के बाद अब एक और झटका देने की तैयारी शुरू की है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने 29 जुलाई को लोकसभा में जलियांवाला बाग नैशनल मेमोरियल संशोधन विधेयक को पेश किया। इस विधेयक में कांग्रेस अध्यक्ष को जलियांवाला बाग ट्रस्ट के स्थायी ट्रस्टी के पद से हटाने जाने की बात शामिल है। कांग्रेस ने इस विधेयक का तीखा विरोध करते हुए इसे देश की विरासत से छेड़छाड़ करने वाला बताया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बिल की आलोचना करते हुए कहा, 'इस बिल को रोका जाना चाहिए। हमारी विरासत और इतिहास को बर्बाद न करें।' इस मसले पर बहस का जवाब देते हुए पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि बीते 40 से 50 सालों में कांग्रेस ने इस मेमोरियल के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया है।बता दें कि 13 अप्रैल, 1919 को ब्रिटिश अफसर जनरल डायर ने निहत्थे आंदोलनकारियों पर गोलियां चलवा दी थीं। इस निर्मम कार्रवाई में 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। केंद्र सरकार ने इस जलियांवाला बाग कांड के शताब्दी वर्ष में मेमोरियल से जुड़े कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। बिल को इससे पहले पहले 2014-19 की लोकसभा में भी मंजूरी मिल गई थी, लेकिन उच्च सदन में अटक गया था। अब केंद्र सरकार ने एक बार फिर से इसे लोकसभा में पेश किया है और उसे राज्यसभा से भी इसे पारित करा लेने का भरोसा है। जानें, क्या है संशोधन विधेयक में जलियांवाला बाग नैशनल मेमोरियल ऐक्ट, 1951 के तहत ट्रस्ट को मेमोरियल के निर्माण और प्रबंधन का अधिकार है। इसके अलावा इस ऐक्ट में ट्रस्टियों के चयन और उनके कार्यकाल के बारे में भी बताया गया है। अब तक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष इस मेमोरियल के ट्रस्ट का पदेन सदस्य रहा है, लेकिन अब संशोधन विधेयक में इसे बदलने की तैयारी है। अब लोकसभा में नेता विपक्ष को इस ट्रस्ट का सदस्य बनाने का प्रावधान तक किया गया है। सदन में विपक्ष का नेता न होने की स्थिति में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को यह जगह दी जाएगी। पीएम मोदी हैं ट्रस्ट के मुखिया, पंजाब के सीएम भी सदस्य नए विधेयक में केंद्र सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह ट्रस्ट के किसी मेंबर को उसका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटा सकती है। इससे पहले 2006 में यूपीए सरकार ने ट्रस्ट के सदस्यों को 5 साल का तय कार्यकाल देने का प्रावधान किया था। फिलहाल पीएम नरेंद्र मोदी इस ट्रस्ट के मुखिया हैं। पीएम के अलावा फिलहाल इस ट्रस्ट में कांग्रेस प्रेजिडेंट राहुल गांधी, कल्चर मिनिस्टर और लोकसभा में नेता विपक्ष शामिल हैं। इसके अलावा पंजाब के सीएम भी ट्रस्टी हैं।
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