दिल्ली की राजनीति पर केजरीवाल के 'ब‍िजली दांव' का असर पड़ना तय- Loktantra Ki Buniyad

नई दिल्ली : दिल्ली की राजनीति में हमेशा से ही बिजली फैक्टर बहुत अहम रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार को ऐतिहासिक बहुमत मिलने के पीछे एक बड़ा कारण लोगों को सस्ती बिजली देने का वादा था और इस पर काम करते हुए आप सरकार ने बिजली के दामों में बढ़ोतरी नहीं होने दी। उधर, अब केजरीवाल सरकार ने चुनाव से कुछ महीने पहले 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त करने की घोषणा कर एक बड़ा दांव खेला है। माना जा रहा है कि इसका असर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। विपक्ष भी इस बात को अच्छी तरह से समझ रहा है कि बिजली का मुद्दा हर घर से जुड़ा हुआ है। ऐसे में बिजली बिलों में कमी का यह फैसला विपक्षी पार्टियों के लिए मुसीबत का सबब भी बन सकता है। विपक्ष पिछले कुछ महीनों से फिक्स चार्ज को लेकर अपना विरोध जता रहा था और फिक्स चार्ज को वापस लेने की मांग कर रहा था। एक दिन पहले फिक्स चार्ज में 84 पर्सेंट की कमी करने के बाद केजरीवाल सरकार ने अगले ही दिन 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त करने का बड़ा ऐलान कर दिया है। दरअसल, सरकार और विपक्ष दोनों को ही पता है कि बिजली बिल का मुद्दा चुनाव में काफी असर डाल सकता है। इतिहास भी इस बात का गवाह रहा है कि बिजली- पानी के मुद्दे पर जनता किसी भी सरकार के भाग्य का फैसला कर सकती है। शीला दीक्षित सरकार पर बढ़े हुए बिजली बिलों का मुद्दा कहर बनकर टूटा था और कांग्रेस दिल्ली विधानसभा में जीरो पर सिमटकर रह गई। केजरीवाल वर्ष 2013 से ही बढ़े हुए बिजली बिलों का मुद्दा उठाते रहे हैं और उन्होंने मार्च 2013 में 15 दिनों का अनशन भी किया था। उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में आप को ऐतिहासिक जीत मिली। चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल सरकार ने 20000 लीटर तक पानी मुफ्त करने के साथ- साथ बिजली के दाम भी आधे कर दिए। सरकार के टॉप अजेंडे में रहा है कि किसी भी साल बिजली के दाम न बढ़ने दिए जाएं। अब दिल्ली सरकार ने बिजली के दामों को कम करने का बड़ा दांव खेला है और इसका दिल्ली की राजनीति पर असर पड़ना भी तय माना जा रहा है।
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