महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी के रूप में भारतीय टीम प्रबंधन ऋषभ पंत को भविष्य के लिए तैयार कर रहा है, लेकिन इसके उलट ऋषभ पंत लगातार मिल रहे अहम मौकों को गंवाकर उनकी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं.भारतीय टीम मैनेजमेंट और सेलेक्टर्स ऋषभ पंत को मौके पर मौके देकर दूसरा धोनी बनाने के लिए खूब जोर लगा रहे हैं. वहीं ऋषभ पंत मौजूदा वेस्टइंडीज दौरे पर तीनों फॉर्मेट्स में बल्ले से फ्लॉप साबित हुए हैं.वेस्टइंडीज दौरे पर तीन मैचों की टी-20 सीरीज में ऋषभ पंत के बल्ले से 69 रन आए थे, तो वहीं तीन मैचों की वनडे सीरीज में भी वह सिर्फ 20 रन ही बना पाए.एंटिगा में खेले गए पहले टेस्ट में ऋषभ पंत पहली पारी में 24 रन बनाकर आउट हो गए. जबकि दूसरी पारी में वह 7 रन पर अपना विकेट फेंककर पवेलियन चलते बने. ऐसे में अब अगले टेस्ट मैच में अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को मौका दिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है.बता दें कि ऋषभ पंत की सबसे बड़ी कमजोरी उनका शॉट सेलेक्शन माना जाता है. पंत आते ही बड़े और लंबे शॉट लगाने के बारे में सोचते हैं. अपने खराब शॉट्स के चलते ऋषभ पंत बड़ी पारियां नहीं खेल पाए.
ऋषभ पंत कई बार बेहूदा शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाते आ रहे हैं. इस दौरे पर भी कई बार उनके साथ ऐसा हो चुका है. यहां तक कि महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी कहे जा रहे पंत इंग्लैंड और वेल्स में खेले गए वर्ल्ड कप में भी ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहे थे. वेस्टइंडीज के खिलाफ खत्म हुई तीन मैचों की वनडे सीरीज में अय्यर ने नंबर-4 पर ही बल्लेबाजी की थी और 71 तथा 65 के स्कोर किए थे. अय्यर से पहले युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत को नंबर-4 के लिए आजमाया गया था लेकिन वह पूरी तरह से विफल रहे थे. इससे पहले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने ऋषभ पंत को नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए बेस्ट बताया था, लेकिन ऋषभ कोई खास कमाल नहीं कर पाए. वहीं, अय्यर ने अच्छा प्रदर्शन किया था.वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में ऋषभ पंत को नंबर 4 पर बल्लेबाजी का मौका दिया गया था, लेकिन वह फ्लॉप साबित हुए. जिसके बाद अब टीम मैनेजमेंट अय्यर को इस नंबर पर मौका दे सकती हैं. टीम इंडिया के लिए नंबर 4 पर बैटिंग करते हुए अय्यर कई मुश्किलें आसान कर सकते हैं.
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