पटना: बिहार की राजधानी पटना में 45 वर्षों के बाद बाढ़ से हालात बन गए हैं. पटना का आलम ऐसा है कि बारिश (Bihar Rain) के पानी ने लोगों को जल कैदी बना दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आने वाले 24 घंटों को और चुनौतीपूर्ण करार दिया है. वहीं, पटना के पुलिस मुख्यालय में हालात की गंभीरता के मद्देनजर स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर खोला गया है.
पटना के लोगों ने जलजमाव की ऐसी तस्वीर कभी नहीं देखी थी. लोग बताते हैं कि 1975 में भी कुछ ऐसे ही हालात से रू-ब-रू हुआ था पटना. बीते 48 घंटों से लगातार हो रही बारिश ने हालात खराब कर दिए हैं. बीते 24 घंटो में पूरे बिहार में 52 मिलीमीटर बारिश हुई है. वहीं, पटना में 98 मिमी बारिश हुई है. वैशाली और नवादा के कुछ इलाकों में 200 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के तमाम आलाधिकारियों के साथ आपात बैठक की. सीएम नीतीश को अधिकरियों ने बताया कि अगले 48 घंटे के हालात चुनौतीपूर्ण हैं. पूरे बिहार में लगातार 48 घंटों तक बारिश होगी. तीन अक्टूबर के बाद हालात सामान्य हो जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 जिलों के जिलाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई निर्देश दिए हैं. सीएम ने लगातार रिलीफ कैम्प और कम्यूनिटी किचन खोलने के निर्देश दिए हैं. नदियों क जलस्तर पर भी लगातार निगरानी रखने की हिदायत दी गई है.पटना में राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को उतारा गया है. राजेन्द्र नगर, कदमकुआं के कुछ इलाकों में पानी 5 फुट तक जा पहुंचा है. जबकि एसके पुरी, पटलिपुत्र जैसे इलाकों में तीन से चार फुट तक पानी जमा है. इसके कारण लोगों को नाव के जरिए सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. गंगा, बूढ़ी गंडक, सोन, महानंदा जैसी नदियों में बढ़ते जलस्तर ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.
शनिवार को पटना में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया. अगले 48 घंटों में लगातार होने वाली बारिश के कारण हालात और भी खराब होंगे. हालात की गंभीरता को देखते हुए बिहार सरकार ने पुलिस मुख्यालय में स्टेट इमरजेंसी सेंटर भी खोल दिए हैं.
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