उपचुनावों से पहले उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बनने की रेस में एसपी, बीएसपी और कांग्रेस

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और कांग्रेस में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ मुख्य विपक्षी का तमगा अपने नाम करने की होड़ लगी है। अभी विधानसभा की 13 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले ये पार्टियां बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव, उन्नाव और शाहजहांपुर के बीजेपी नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों समेत प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति, हाल में पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मामलों, एसपी लीडर आजम खान जैसे विपक्षी नेताओं के खिलाफ राजनीतिक विद्वेष की भावना से हो रही कार्रवाई और कैबिनेट में हुए हालिया फेरबदल में कुछ मंत्रियों को हटाने जैसे मुद्दे उठा रही हैं।एसपी का ऐलान- अकेले लड़ेंगे विधानसभा चुनाव एसपी चीफ अखिलेश यादव ने 2022 का विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने का ऐलान करते हुए एसपी को विपक्ष की सबसे मजबूत पार्टी बताने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में उनकी पार्टी राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करेगी। अखिलेश ने मुख्यंत्री को 'आम नागिरकों को पीड़ा देने वाला बताया जो किसी 'योगी' को नहीं करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि वह योगी आदित्यनाथ को एसपी सरकार में लॉन्च किए गए प्रॉजेक्ट्स की एक लिस्ट देंगे जिनका उद्घाटन मौजूदा सरकार कर सकती है। एसपी मुखिया ने कहा कि सरकार की विफलता उजागर करने वाले पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि, एसपी को खुद के नेता ही तगड़ा झटका दे रहे हैं। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में राज्यसभा सदस्यों के नाम शामिल हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी समाजवादी पार्टी के कुछ एमएलसी को भी तोड़ने में जुटी है। बीएसपी ने भी बदली स्ट्रैटिजी उधर, बीएसपी प्रमुख मायावती ने पहली बार विधानसभा का उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया। हालांकि, बीएसपी की ओर से गठबंधन तोड़ने से दुखी एसपी, मायावती के नेताओं को अपने पाले में लाने की जद्दोजहद कर रही है। एसपी पिछले हफ्ते प्रतापगढ़ के 17 बीएसपी लीडर्स को तोड़ने में कामयाब भी रही थी। हालांकि, मायावती एसपी और बीजेपी की सरकारों को कानून-व्यवस्था के मामले में एकसमान विफल बताती हैं, लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर प्रभावी आर्टिकल 370 को हटाए जाने पर बीजेपी का साथ दिया था। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि मायावती का यह कदम यूपी के मुस्लिम मतदाताओं को पसंद नहीं आएगा।कांग्रेस का दारोमदार प्रियंका पर वहीं, कांग्रेस भी यूपी में अपनी खोई जमीन वापस पाने की जीतोड़ कोशिश कर रही है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी लगातार दौरे कर रही हैं। उन्होंने सोनभद्र जिले में आदिवासियों की हत्या को अन्य विपक्षियों से ज्यादा भुनाया। कांग्रेस ने बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव के विरोध में जिला स्तरीय हस्ताक्षर अभियान भी छेड़ा। एक कांग्रेसी नेता ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा, 'बीजेपी के खिलाफ एसपी, बीएसपी का कैंपेन ट्विटर और फेसबुक तक ही सीमित है। सरकार ने आपत्ति जताई तो अखिलेश ने रामपुर का दौरा रद्द कर दिया जबकि प्रियंका गांधी सोनभद्र की सीमा तक गईं।' हालांकि, कांग्रेस ने अखिलेश के रामपुर दौरे पर टिप्पणी करने वाले अपने नेताओं की फटकार लगाई थी।
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