मध्य प्रदेश हनी ट्रैप स्कैंडल: सेक्स और ब्लैकमेल के जाल में कैसे फंसते गए नेता और अधिकारी

इंदौर मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित पॉश इलाके में काफी समय से सेक्स रैकिट का धंधा चलता रहा, लेकिन किसी को कानों-कान खबर तक न हुई। आज अखबार की सुर्खियां पढ़कर सबके होश फाख्ता हैं कि उनके घर के बगल में ही सब कुछ होता रहा और मालूम तक नहीं हुआ। इससे भी ज्यादा शॉक तब लगा जब सेक्स स्कैंडल में मध्य प्रदेश के ताकतवर लोगों के शामिल होने की बात सामने आई। इस मामले में नेताओं और अधिकारियों के 4,000 अश्लील विडियो और सेक्स चैट सबूत के तौर पर इकट्ठा किए गए हैं।मामले में पुलिस ने जो सबूत इकट्ठा किए हैं उसमें आईएएस अधिकारियों और नेताओं के 4 हजार अश्लील विडियो, तस्वीरें और सेक्स चैट शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि ये सेक्स चैट इतने अश्लील हैं कि इसे ट्रांसस्क्राइब करते हुए पुलिसकर्मियों के चेहरे लाल हो गए।सबसे बड़ा चैलेंज सेक्स विडियो को गलत हाथ में जाने से रोकना सीएम कमलनाथ ने मामले में शामिल नौकरशाहों के बारे में और अधिक जानकारी मांगी है। साथ ही एसआईटी को निर्देश किए है कि पद का ख्याल किए बिना कार्रवाई हो और कोई भी बचने न पाए। मामले की जांच काफी संवेदनशील है और आरोपियों से केवल वरिष्ठ अधिकारी ही मुलाकात कर रहे हैं। सबसे बड़ा चैलेंज विडियो को गलत हाथों में जाने से रोकने का है। पड़ोस की घटना और किसी को खबर तक नहीं इंदौर के रिवियर टाउन और मीनल रेजिडेंसी में रहने वाले लोगों का कहना है कि कारों की दो फ्लीट हर रोज रात को आती थीं। कई बार महिलाओं को कारों में सवार होकर जाते देखा लेकिन इतने बड़े गोरखधंधे का अंदाजा तक नहीं था। कुछ लोग इसे हनी ट्रैप स्कैंडल कहते हैं तो कुछ हनी हंटर। कई प्रदेशों में फैला हो सकता है रैकिट 'देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल' कहे जाने वाले इस मामले की कहानी पूर्व मंत्रियों, सत्ताधारी नेता और ब्यूरोक्रेट्स को सेक्स के जाल में फंसाकर उन्हें ब्लैकमेल कर करोड़ों के टेंडर और कॉन्ट्रैक्ट वसूलने की है। जब सेक्स रैकिट का भंडाफोड़ हुआ तो कई नेताओं ने कहा कि मैं नहीं, मैं नहीं। इससे पुलिस को संकेत मिले हैं कि इस रैकिट में केंद्र से भी कुछ लोग शामिल हो सकते हैं और साथ ही यह रैकिट 5 प्रदेशों तक फैला हो सकता है। मध्य प्रदेश हनी ट्रैप केस: मंत्री बोले- आरोपियों को खुले में घुमाया जाए आरोपियों की नेताओं तक जान-पहचान हनी ट्रैप स्कैंडल की 5 आरोपी महिलाएं और एक शख्स पुलिस की कस्टडी में हैं। गैंग की सरगना 48 साल की श्वेता स्वप्निल जैन है जिसके फेसबुक पेज पर लिखा है- 'कभी-कभी एक महिला राजा होती है।' मामले की अगली आरोपी श्वेता विजय जैन है जिसका बीजेपी में मजबूत संपर्क है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि वह बीजेपी युवा मोर्चा की राज्य महासचिव रह चुकी है और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती ने भी यह माना कि वह उसे जानते हैं और वह 2009 से 2013 के बीच स्टेट वर्किंग कमिटी का भी हिस्सा रह चुकी है 5 महिलाएं और एक ड्राइवर पुलिस की कस्टडी में मामले की तीसरी आरोपी कांग्रेस के पूर्व राज्य आईटी सेल के उपाध्यक्ष अमित सोनी की पत्नी बरखा सोनी है। अन्य दो आरोपियों में एक 18 साल की कॉलेज स्टूडेंट है, जो राजगढ़ गांव के एक गरीब परिवार से आती है। इसके अलावा पांचवीं आरोपी आरती दयाल है। पुलिस के मुताबिक, 'आरती बेहोशी का नाटक करने में एक्सपर्ट है और 5 दिन की हिरासत में कई बार अस्पताल जाकर जांच करा चुकी है।' इनके अलावा एक अकेला पुरुष आरोपी ड्राइवर ओम प्रकाश है जिसे आरती और कॉलेज छात्रा के साथ इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। ड्राइवर शिकायतकर्ता सस्पेंड सिविक इंजिनियर हरभजन सिंह से 50 लाख रुपये लेते हुए धरा गया था। इन सभी महिलाओं में जो कॉमन बात है, वह यह है कि कस्टडी में रहने के बावजूद उनके स्वैग में कोई कमी नहीं आई है। आरोपियों की पूरे सिस्टम पर पकड़ थी इंदौर एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा ने बताया, 'यह वाकई हैरान करने वाला है कि कैसे इन महिलाओं की पूरे सिस्टम में पकड़ थी और कितनी आसानी से वे इसे अंजाम देती थीं। रैकिट चलाने का उनका तरीका आसान था- नेताओं और अधिकारियों से इवेंट में मुलाकात करना, फिर उन्हें खूबसूरत लड़कियों के जाल में फंसाना, उन्हें एक लग्जरी होटल रूम में बुलाना, गुप्त रूप से उनके विडियो बनाना और इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल करना।' आरोपियों को मिला कर मुक्त पैसा! पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने इन्हें सीधे-सीधे करोड़ों रुपये कैश दिए तो कुछ ने टेंडर, कॉन्ट्रैक्ट और एनजीओ के लिए फंड के रूप में। इस मामले में एक मोड़ यह भी है कि जो पैसा इनके एनजीओ को दिया था, वह संभवत: कर मुक्त था। दोनों श्वेता ने फर्म खोली थी जिसका इस्तेमाल उन्होंने हनी ट्रैप के फंसाए लोगों से कॉन्ट्रैक्ट लेने में किया। मामले का मास्टरमाइंड अभी भी पर्दे के पीछे? एसआईटी अलग-अलग विभागों के इन कॉन्ट्रैक्ट और टेंडर का विश्लेषण कर रही है। जांच अधिकारियों को शक है कि इस मामले का असली मास्टरमाइंड अभी भी पर्दे के पीछे है जिसने इस हनी ट्रैप रिंग को उनके टारगेट दिए होंगे और यह भी तय किया होगा कि किससे पैसे लेने है और किससे कॉन्ट्रैक्ट करना है।
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment