इकॉनमी रिफॉर्म के लिए सरकार का अगला कदम, बड़ी सरकारी कंपनियों के शेयर बिकेंगे- Loktantra Ki Buniyad

नई दिल्ली: वित्त मंत्री बनने के बाद निर्मला सीतारमण ने अब तक कई सेक्टरों में बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने एफपीए से बढ़ाया सरचार्ज हटा दिया है। ऑटो सेक्टर को राहत दी है। सीएसआर में छूट के साथ बैंकों के महाविलय की घोषणा की। अब उनका अगला बड़ा रिफॉर्म विनिवेश के क्षेत्र में होगा। सूत्रों के अनुसार जल्द ही एक ठोस विनिवेश पॉलिसी की घोषणा की जाएगी, जिसमें बड़ी सरकारी कंपनियों के 5 से 10 फीसदी शेयरों की बिक्री घोषणा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार निर्मला सीतारमण एक ठोस विनिवेश पॉलिसी चाहती हैं, जिसमें ज्यादा पारदर्शिता हो। सार्वजनिक कंपनियों में सरकार का मैनेजमेंट बना रहे। ज्यादा से ज्यादा पब्लिक की हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों में बढ़े। नीति आयोग के साथ बैठकों का दौर जारी है। उम्मीद है कि सितंबर में ठोस विनिवेश पॉलिसी तैयार हो जाएगी। उसके बाद इसकी घोषणा कर इसे लागू किया जाएगा। जो सरकारी कंपनियां खस्ता हालत में हैं और जिनको पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता, उनको बेच दिया जाएगा। वित्तीय संकट से जूझ रही जिन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का रिवाइवल हो सकता है, उसका रिवाइवल प्लान जल्द ही तैयार किया जाएगा। इन कंपनियों की खाली पड़ी जमीनों को बेचा जाएगा। किन कंपनियों में होगा विनिवेश सूत्रों के अनुसार अभी तक हुई बैठकों में तीन प्रमुख बातों पर सहमति बनी है। नई पॉलिसी के तहत सरकारी कंपनियों की रणनीतिक बिक्री में तेजी लाएगी। इसके अलावा एनडीएमसी, एनबीसीसी, कोल इंडिया, हुडको, इरकान के साथ पवन हंस, हिंदुस्तान न्यूज प्रिंट, स्कूटर इंडिया, बीईएमएल में हिस्सेदारी बेची जाएगी। फैरो स्कैप निगम का नगरनार स्टील प्लांट तथा सेल के 3 प्लांट को बेचने पर भी सहमति बनी है। पीएसयू कंपनियों की संपत्ति बेचकर 3 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना पर भी सहमति की मुहर लग गई है। टेलीकॉम कंपनियों के टावर, गैस कंपनियों की पाइपलाइन के अलावा करीब 33 संपत्तियों की पहचान की गई है। नीति आयोग ने इन संपत्तियों की पहचान करके रिपोर्ट सरकार को सौंप दिया है। विनिवेश की नई पॉलिसी के तहत एमटीएनएल तथा बीएसएनएल के टावर और तेल कंपनियों की पाइपलाइन निजी हाथों में सौंपे जा सकते हैं। टारगेट से ज्यादा की उम्मीद विनिवेश के माध्यम से पैसा जुटाने के मामले में सरकार का प्रदर्शन औसत रहा है। पिछले साल विनिवेश के माध्यम से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया था। साल के आखिरी में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सका। चालू वित्त वर्ष में विनिवेश का लक्ष्य 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रखा गया है। वित्त मंत्री सीतारमण चाहती हैं कि विनिवेश के टारगेट को न केवल आसानी हासिल किया जाए, बल्कि लक्ष्य से ज्यादा हासिल करने की कोशिश की जाए और इसे समय से पहले हासिल किया जाए।
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