जब यशस्वी ने ऐतिहासिक डबल सेंचुरी ठोक कोच ज्वाला को किया फोन, बोले- सिर्फ 2 रन ही बना पाया

नई दिल्ली: विजय हजारे ट्रोफी में 17 वर्षीय युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने धूम मचा रखी है। उन्होंने पिछले 5 मैचों में से 3 में सेंचुरी जड़ी। इसमें एक ऐतिहासिक डबल सेंचुरी (154 गेंदों में 17 चौके और 12 छक्के की मदद से 203 रन) भी शामिल है, जो उन्होंने मुंबई की ओर से खेलते हुए झारखंड के खिलाफ बनाया। इसके साथ ही वह लिस्ट-ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बन गए हैं, जबकि विजय हजारे में ऐसा करने वाले तीसरे बल्लेबाज हैं। मौजूदा टूर्नमेंट में दोहरा शतक लगाने वाले जायसवाल दूसरे बल्लेबाज हैं। खैर, यह तो रही रेकॉर्ड की बात। रेकॉर्ड पारी खेलने के बाद उन्होंने बेंगलुरु से मुंबई में बैठे अपने कोच ज्वाला सिंह को फोन किया। यह हर मैच के बाद किया जाने वाला आदतन कॉल था। कोच ज्वाला ने कॉल उठाया और हर बार की तरह इस बार भी पूछा- आज क्या किया... कितने रन बनाए? दूसरी ओर से यशस्वी ने जवाब से पहले सवाल दागा- अपको नहीं पता? सिर्फ दो रन ही बना पाया। इसके तुरंत बाद अशस्वी जोर-जोर से हंसने लगे।डबल सेंचुरी के बारे में पता था... यशस्वी के कोच ज्वाला ने 'नवभारत टाइम्स ऑनलाइन' से उस बेहद खास बातचीत के बारे में खुलासा किया। उन्होंने बताया- मुझे पता था कि बच्चे ने डबल सेंचुरी जड़ी है, लेकिन लिस्ट-ए में वह यंगेस्ट डबल सेंचुरियन बन गया है ऐसे रेकॉर्ड के बारे में जानकारी नहीं थी। ऐसा नहीं है कि मैं दूर होने पर यशस्वी या अपने किसी बच्चे के प्रदर्शन पर नजर नहीं रखता। दरअसल, मैं जानना चाहता था कि इतनी कम उम्र में ऐसी पारी खेलने के बाद यशस्वी की प्रतिक्रिया क्या होगी?17 की उम्र में डबल सेंचुरी, कबिलेतारीफ प्रदर्शन है टूर्नमेंट में अपने शिष्य के धमाकेदार प्रदर्शन पर कहा- देखिए, छोटे स्तर पर (अंडर-19 जैसे) संभावनाएं अधिक होती हैं और वहां विपक्षी टीम का गेंदबाज भी आपके ही लेवल का मिलता है, लेकिन सीनियर लेवल पर बात अलग होती है। वहां कई इंटरनैशनल लेवल के खिलाड़ी भी खेलते हैं। ऐसे में 17 वर्ष की उम्र में ऐसा आकर्षक प्रदर्शन करना वाकई में काबिलेतारीफ है। वरुण आरोन को खेलने में हुई दिक्कत पृथ्वी साव के भी बचपन के कोच रहे ज्वाला ने कहा- जब यशस्वी ने कॉल किया तो बताया कि झारखंड के वरूण आरोन काफी तेज गेंदबाजी कर रहे थे। उन्हें खेलने में शुरुआत में थोड़ी कठिनाई भी हुई। ऐसे ही हम हर मैच के दौरान आने वाली दिक्कतों के बारे में चर्चा करते हैं और तोड़ निकालने की कोशिश करते हैं। यशस्वी में खास बात यह है कि वह सीखने में विश्वास रखते हैं और मेरे ख्याल से यही बात उन्हें मजबूती देती है। बता दें कि वरुण आरोन इंटरनैशनल लेवल पर भारत के लिए खेल चुके हैं।
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment