हिंदू रिवाज से अंतिम संस्कार की थी आखिरी इच्छा, रहमान नाम सुनकर शवदाह गृह में भड़के कर्मचारी

कोलकाता: कोलकाता के गरिया क्षेत्र में स्थित शवदाह गृह में अदिति रहमान (69) के शव का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया गया। शवदाह गृह के कर्मचारियों ने गरिया श्रीरामपुर की रहने वालीं अदिति रहमान के धर्म पर सवाल उठाया और उनका अंतिम संस्कार कराने से मना कर दिया। हिंदू परिवार से ताल्लुक रखने वाली अदिति ने अपने प्रेमी मुकुलेश्वर रहमान से शादी कर ली थी, जिसके बाद उनका धर्म बदलकर इस्लाम हो गया। प्रेम प्रसंग की वजह से अदिति का धर्म तो बदल गया लेकिन वह हिंदू धर्म के देवी-देवताओं के प्रति आस्था को नहीं बदल सकीं। इसी वजह से उनकी इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से हो।मुकुलेश्वर और उनके दोस्तों ने गरिया शवदाह गृह में वहां के कर्मचारियों को पूरा मामला समझाया, इसके बावजूद उन्हें काफी बुरे दौर से गुजरना पड़ा। आखिर में उन्होंने वॉर्ड 110 से टीएमसी पार्षद अनूप चक्रवर्ती की मदद मांगी, जिनके दखल के बाद शाम को अदिति की आखिरी इच्छा को पूरा किया गया। 'कृष्ण और गणेश को मानती थीं संतान' रहमान दंपती निसंतान थे लेकिन अदिति भगवान कृष्ण और गणेश की सेवा अपने बच्चों की तरह ही करती थीं। उन्होंने अपना पूरा वक्त भगवान की सेवा में ही लगा दिया। आंसुओं से डबडबाई आंखों के साथ मुकुलेश्वर कहते हैं, 'उसने ही मुझे रोज धार्मिक कार्य करना भी सिखाया था। अब वह चली गई है, मैं अपनी आखिरी सांस तक उसके नक्शेकदम पर चलूंगा।'1984 में अदिति चौधरी ने कर ली थी शादी 1977 में कोलकाता के अलीपुर स्थित नैशनल लाइब्रेरी के रीडिंग रूम में 24 परगना के रहने वाले मुकुलेश्वर रहमान की डायमंड हार्बर की निवासी अदिति चौधरी से मुलाकात हुई थी। इसके बाद उन्हें एक दूसरे से प्यार हो गया और तमाम धार्मिक बंदिशों को तोड़ते हुए, अपने परिवार की नाराजगी का सामने करते हुए अदिति ने मुकुलेश्वर से 1984 में शादी कर ली। लोगों का कहना है कि यह दंपती एक दूसरे के लिए ही बने थे। हमेशा खुशहाल और शांतिपूर्वक रहते थे। रीसर्च स्कॉलर होते हुए अदिति ने पूरे देश के कई स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया, वहीं उनके पति मुकुलेश्वर ने भी कई प्राइवेट कंपनियों में प्रतिष्ठित पदों पर काम किया। '...और करा दिया अंतिम संस्कार' टीएमसी पार्षद अनूप चक्रवर्ती कहते हैं, 'परिवारवालों की बात सुनकर मुझे पूरा मामला पता चला। मैंने कोलकाता म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के डेप्युटी मेयर अतिन घोष से उनकी सलाह मांगी। उन्होंने मुझे बताया कि किसी भी धर्म के सदस्य का अंतिम संस्कार शवदाह गृह में किया जा सकता है। फिर मैंने गरिया शवदाह गृह के अधिकारियों से फोन पर बात की और उन्हें निर्देश दिया कि जल्द से जल्द अदिति रहमान के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कराया जाए।'
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment