281 रन नहीं, कोई और पारी थी VVS लक्ष्मण के करियर का टर्निंग प्वाइंट- Loktantra Ki Buniyad

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ईडन गार्डन्स की वह पारी 'कलाई के जादूगर' को 'वेरी वेरी स्पेशल' बना गई. जी हां! बात हो रही है वीवीएस लक्ष्मण की, जिन्होंने मार्च 2001 में 281 रनों की लाजवाब पारी खेली थी. 1 नवंबर 1974 को हैदराबाद में जन्मे लक्ष्मण आज (शुक्रवार) 45 साल के हो गए. वीवीएस लक्ष्मण की 281 रनों की पारी भले ही इतिहास का हिस्सा बन गई हो, लेकिन यह दिग्गज बल्लेबाज इस पारी को अपने करियर का 'टर्निंग प्वाइंट' नहीं मानता.जब भी 'कलाई के जादूगर' 'वेरी वेरी स्पेशल' वीवीएस लक्ष्मण की बात की जाती है, तो उनकी 2001 में 281रनों की कोलकाता वाली पारी सुर्खियों में आ जाती है. जिसकी बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के 16 टेस्ट मैचों के विजय रथ को रोका था, लेकिन लक्ष्मण अपने 16 साल के टेस्ट करियर का टर्निंग प्वाइंट अपने पहले टेस्ट शतक को मानते हैं.करियर का टर्निंग प्वाइंट, 281 नहीं, 167 रनों की पारी लक्ष्मण इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ-2018 में स्वीकार कर चुके हैं, ' 281 रनों की पारी नहीं, बल्कि करियर का पहला शतक मेरे करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा. 2000 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में 167 रनों की पारी ने आत्मविश्वास बढ़ाया. इससे पहले तक खुद की काबिलियत पर मुझे भरोसा नहीं था. मैंने 1996 में टेस्ट में डेब्यू के बाद से कई पारियां खेलीं, लेकिन अर्धशतक को शतक में तब्दील नहीं कर पा रहा था. इस शतक के बाद ही मैंने घरेलू क्रिकेट के एक सत्र में 1400 से ज्यादा रन बनाए.' सिडनी टेस्ट में जमाया था पहला टेस्ट शतक सिडनी टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भारत ने 33 रनों पर तीन विकेट गंवा दिए थे, तब सलामी बल्लेबाज लक्ष्मण का साथ देने सौरव गांगुली उतरे. इस साझेदारी ने विकेट गिरने की रफ्तार को धीमा किया. गांगुली 25 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन लक्ष्मण के साथ बहुमूल्य 58 रन जोड़े. आखिरकार लक्ष्मण आठवें विकेट के रूप में पवेलियन लौटे. 198 गेंदों में 167 रनों की पारी के बावजूद वह भारत की हार बचा नहीं पाए. ऑस्ट्रेलिया ने वह सिडनी टेस्ट मैच पारी और 141 रनों से जीता. इसी के बाद घरेलू क्रिकेट में मचाई थी धूम उल्लेखनीय है कि रणजी ट्रॉफी में वीवीएस लक्ष्मण के नाम एक सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है और यह कीर्तिमान अब भी कायम है. उन्होंने 1999/2000 सीजन में हैदराबाद की ओर से खेलते हुए कुल 1415 रन बनाए थे, जिसे आज तक किसी ने नहीं छुआ है. सिक्किम की ओर से खेलने वाले मिलिंद कुमार 2018/19 में 1331 रन बनाकर दूसरे पायदान हैं, जबकि मुंबई के श्रेयस अय्यर 2015/16 सीजन में 1321 रन बनाकर तीसरे स्थान पर हैं. ऑस्ट्रेलिया का गुरूर तोड़ा और बन गए VVS लक्ष्मण ने 11,119 इंटरनेशनल रन बनाए, जिनमें से 3,173 रन (दो दोहरे शतकों के साथ) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रहे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लक्ष्मण का बल्ला हमेशा बोला. लक्ष्मण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2000 से ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं. ... लेकिन सच्चाई तो यह है कि कंगारुओं के खिलाफ अभूतपूर्व 281 रनों की पारी ने उन्हें मशहूर बना दिया. उस पारी से पहले महज 28 का टेस्ट एवरेज रखने वाले लक्ष्मण ने बेदाग दोहरे शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलिया के 16 टेस्ट मैचों के विजय रथ को रोका था. राहुल द्रविड़ (180 रन) की लक्ष्मण के साथ फॉलोऑन पारी के दौरान 376 रनों की पार्टनरशिप यादगार रही. एडिलेड में खेली थी 148 रनों की बेशकीमती पारी इतना ही नहीं, 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में 148 रनों की बेशकीमती पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई थी. एक बार फिर द्रविड़ के साथ साझेदारी से कंगारुओं को उनके घर में मात मिली. उस दौरान द्रविड़ (233 रन) के साथ लक्ष्मण ने 303 रन जोड़े थे. 2008 में दिल्ली टेस्ट के दौरान लक्ष्मण ने नाबाद दोहरा शतक जमाया. इसके साथ ही वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2000 से ज्यादा रन (2434) बनाने वाले सचिन तेंदुलकर (3630) के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर बन गए. मोहाली में पीठ दर्द के बावजूद टीम इंडिया को जिताया 2010 में मोहाली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई एक पारी में उन्होंने फिर से साबित कर दिया, आखिर वे 'वेरी वेरी स्पेशल' क्यों हैं. तब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक विकेट से रोमांचक जीत में लक्ष्मण ने नाबाद 73 रन बनाए, वो भी उस समय जब उनकी पीठ में भयानक दर्द था. इस टेस्ट में चौथी पारी में भारत को जीत के लिए 216 रन बनाने थे. 8 विकेट 124 रनों पर गिर गए थे, लेकिन लक्ष्मण ने एक छोर थामे रखा. इस दौरान उन्हें ईशांत शर्मा और प्रज्ञान ओझा का बेहतर साथ मिला और भारत ने एक विकेट से 'अविश्वसनीय जीत' हालक्ष्मण ने 134 टेस्ट मैचों में 45.97 की औसत से 8781 रन और 86 वनडे मैच में 2338 रन बनाए. अपने करियर में 17 टेस्ट और 6 वनडे शतक जमाए. लक्ष्मण को इस बात का जरूर मलाल रहेगा कि वे कभी वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए. लक्ष्मण अपने करियर के पहले वनडे में शून्य पर आउट हुए और आखिरी वनडे में भी.
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