वॉट्सएप जासूसी पर घिरी इजरायली कंपनी बोली- सिर्फ सरकारी एजेंसियों को देते हैं सर्विस- Loktantra Ki Buniyad

भारत में कुछ चिन्हित पत्रकारों, एक्टिविस्टों के वॉट्सएप के हैक होने की खबर ने देश में राजनीतिक भूचाल ला दिया. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस मामले में मोदी सरकार पर निशाना साधा है और लोगों की जासूसी करने का आरोप लगाया है. इस मामले के केंद्र में इज़रायल के फर्म NSO ग्रुप पर हर किसी की नज़रें हैं, इंडिया टुडे ने इस मामले के तहत NSO से कुछ सवाल पूछे जिनका अब जवाब दिया गया है. कंपनी ने अपने जवाब में कहा है कि उनकी टेक्नोलॉजी सिर्फ सरकार और उसकी एजेंसियों के लिए काम करती है. NSO ग्रुप से इंडिया टुडे ने पूछे ये सवाल? 1. क्या आप भारत में काम कर रहे हैं? 2. अगर हां, तो भारत में आप किस एजेंसी या कंपनी के साथ काम कर रहे हैं? 3. भारत में आप कितने वक्त से काम कर रहे हैं? 4. भारत में आपके कुल कितने क्लाइंट हैं? 5. क्या आपकी कंपनी भारतीय कंपनी या सरकार के लिए सीधे तौर पर जुड़ी हुई है या फिर बैकहैंड-लॉजिस्टिक सपोर्ट ही मुहैया करा रहे हैं? 6. वॉट्सएप ने आपकी कंपनी पर केस किया है और आरोप है कि आपने किन्हीं लोगों की जासूसी की है, आप इसका क्या जवाब देंगे? 7. भारत में आपने किन लोगों की जासूसी की है, क्या उसकी जानकारी दे सकते हैं? इंडिया टुडे के इन सवालों का NSO ग्रुप ने लंबा चौड़ा जवाब दिया है. इजरायली ग्रुप की ओर से ये जवाब दिया गया है... ‘हमारे ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं, हम उनका खंडन करते हैं और उनके खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं. NSO ग्रुप का लक्ष्य सिर्फ सरकारों की एजेंसियों को टेक्नोलॉजी मुहैया कराना है जिसका मकसद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्राइम से निपटना है. हमारी टेक्नोलॉजी इस तरह से नहीं बनाई गई है जो एक्टिविस्ट या पत्रकारों की जासूसी करे. हमारी टेक्नोलॉजी ने पिछले कुछ सालों में हजारों जान बचाई हैं.’ कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि सच तो ये है कि इन्क्रिप्टड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल ड्रग किंग, आतंकियों द्वारा किया जाता है ताकि वह अपना काम कर सकें. बिना किसी जटिल टेक्नोलॉजी के एजेंसियों के द्वारा इससे पार पाना आसान नहीं है, हमारा ग्रुप इन्हीं से निपटने के लिए काम करता है. UN की गाइडलान का पालन करती है कंपनी NSO ग्रुप ने कहा कि आतंकवाद और क्राइम से इतर अगर हमारे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है तो इसे हम उल्लंघन मानते हैं. ऐसे में हम एक्शन लेते हैं. हमारी टेक्नोलॉजी का मकसद लोगों की जान बचाना है, इसके तहत हमारा ग्रुप संयुक्त राष्ट्र की गाइडलाइन का पालन करता है. अगर बात मौजूदा प्रोजेक्ट की करें तो एनएसओ ग्रुप उन लोगों की पहचान को सामने नहीं रख सकता है, जिनके लिए काम जारी है. लेकिन ये साफ है कि हमारी कंपनी के सभी प्रोडक्ट सरकारी एजेंसी के लिए काम करता है जिससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाए. क्या है पूरा मामला? बता दें कि बीते दिनों इस बात का खुलासा हुआ था कि इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के द्वारा Pegasus नाम के स्पाईवेयर से भारतीय पत्रकारों को निशाना बनाया गया था, जिसमें 2 दर्जन से ज्यादा पत्रकार, वकील और हस्तियां शामिल हैं. ये मामला मई के महीने में हुआ था, लेकिन अब जब बात सामने आई है तो सरकार सभी के निशाने पर है.
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