प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में कहा कि किसान आंदोलन को पवित्र मानता हूं, लेकिन आंदोलनजीवियों ने इसे अपवित्र बना दिया है।
यह ''आंदोलन का नया तरीका है। आंदोलनकारी ऐसे तरीके नहीं अपनाते हैं, आंदोलनजीवी ही ऐसे तरीके अपनाते हैं। उनका कहना होता है कि ऐसा होगा तो ऐसा हो जाएगा। जो हुआ नहीं उसका डर फैलाया जा रहा है। यह चिंता का विषय है। यह देश के लिए चिंता का विषय है।''
पीएम ने कहा, ''जब तथ्यों के आधार पर बात नहीं टिकती है तो ऐसा हो जाता है जो अभी हुआ है। आशंकओं को हवा दी जाती है। माहौल आंदोलनजीवी पैदा करते हैं। किसान आंदोलन को पवित्र मानता हूं। भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है। यह जरूरी है। जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए बर्बाद करने के लिए निकलते हैं तो क्या होता है?''
उन्होंने कहा, ''कोई मुझे बताए तीन नए कृषि कानूनों की बात हो और जेल में बंद संप्रदाय वादी, आंतकवादी और नक्सली जो जेल में हैं उनकी फोटो लेकर मांग करना ये किसान आंदोलन को अपवित्र करने की मांग है या नहीं?''
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश में टोल प्लाजा को सभी सरकार ने स्वीकार किया। इसे तोड़ दिया गया। ये तरीके आंदोलन को अपवित्र करने का प्रयास है कि नहीं? टेलीकॉम के टावर तोड़ दिए गए, ये किसान आंदोलनकारियों की मांग है क्या? ये काम आंदोलनकारियों ने नहीं आंदोलनजीवियों ने किया है। देश को आंदोलनजीवियों से बचाना होगा। देश को गुमराह करने वालों को पहचानना होगा।
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