बिहार: गया सामूहिक दुष्कर्म में कोर्ट ने सुनाई 9 दोषियों को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा


 

जिले के गुरारू प्रखंड के सोनडीहा गांव के समीप 13 जून 2018 को पति के सामने महिला और उसकी नाबालिग बेटी से सामूहिक दुष्कर्म की घटना में शामिल नौ आरोपियों को गया सिविल कोर्ट ने दोषी पाया और बुधवार को उन्‍हें अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई। अपराधियों को सजा दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले अलग-अलग महकमें और मोर्चे के लोगों को उनकी मेहनत का सार्थक परिणाम मिला।


बता दें कि गुरारू प्रखंड के अंतर्गत गुरारू-अहियापुर से जुड़े रौना-कनौसी रोड पर स्थित कोंच थाना क्षेत्र के सोनडीहा गांव के समीप 13 जून 2018 की रात दर्जनभर की संख्या में रहे अपराधी सड़क लूट की घटना को अंजाम दे रहे थे। इसी दौरान गुरारू बाजार से अपनी दुकान बंद कर अपने घर कोंच थाना क्षेत्र के घोंघी मठ जा रहे राजेंद्र यादव व इटवां गांव जा रहे रणधीर कुमार की बाइक रोकी। अपराधियों ने उन्हें बंधक बना लिया और उनके साथ लूटपाट शुरू कर दी। इसी बीच गुरारू बाजार से सटे एक स्थान से निजी क्लीनिक बंद कर बाइक से पत्नी व 13 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ कोच थाना क्षेत्र के एक गांव स्थित घर लौट रहे ग्रामीण चिकित्सक भी उक्त अपराधियों के हत्थे चढ़ गए।अपराधियों ने चिकित्सक की बाइक रोककर पहले उनके साथ मारपीट की। उनके पास रहे सामान लूट लिए। फिर उन्हें घटनास्थल के पास के एक पेड़ में बांध दिया। अपराधी उनकी पत्नी और बेटी पर टूट पड़े। पहले से बंधक बनाए गए दो राहगीरों व ग्रामीण चिकित्सक के सामने ही उनकी पत्नी और बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घिनौनी घटना को अंजाम दिया। कुकृत्य के बाद जब अपराधी सभी को छोड़कर आगे बढ़ गए, तब घटना की शिकार पत्नी ने पेड़ से बंधे चिकित्सक की रस्सी खोली। दूर पड़े पूर्व के बंधुओं को भी उक्त लोगों ने बंधन मुक्त कराया। चिकित्सक परिवार गुरारू थाने पहुंचा। पहली बार में तो गुरारू के तत्कालीन थानाध्यक्ष उत्तम कुमार को उनकी बातों पर विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन, पीडि़ता की स्थिति देखकर गुरारू थाना में मौजूद सभी पुलिसकर्मियों के रोंगटे खड़े हो गए।

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