बीजापुर हमले के 5 दिन बाद नक्सलियों ने CRPF जवान राकेश्वर सिंह को रिहा किया...


3 अप्रैल को जोनागुड़ा में फोर्स और नक्सलियों की मुठभेड़ के बाद बंधक बनाए गए CRPF जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि राकेश्वर इस समय तर्रेम में 168वीं बटालियन के कैंप में है। वहां उनका मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। उन्हें कैसे और किसके साथ रिहा किया गया। कितने बजे वह कैंप पहुंचे, इन सभी बातों का अभी खुलासा नहीं हो पाया है।


ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के हमले में 23 जवान शहीद हुए थे। नक्सलियों ने भी अपने 5 साथी मारे जाने की बात मानी थी। मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने CRPF के कोबरा कमांडो राकेश्वर का अपहरण कर लिया था।


इसके बाद माओवादी प्रवक्ता विकल्प ने मंगलवार को प्रेस नोट जारी कर कहा था कि पहले सरकार बातचीत के लिए मध्यस्थों का नाम घोषित करे, इसके बाद वह जवान को सौंप देंगे। तब तक वह उनके पास सुरक्षित रहेगा।


सरकार ने नहीं बताए थे मध्यस्थों को नाम

नक्सलियों की मांग के बाद सरकार ने मध्यस्थों के नाम जारी किए या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। क्योंकि, मध्यस्थों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए थे। इस वजह से यह भी साफ नहीं है कि नक्सलियों की किन मांगों को पूरा करके सरकार ने राकेश्वर सिंह को मुक्त कराया है।


सोनी सोरी भी पहुंची थीं जोनागुड़ा

बुधवार को बस्तर की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी कुछ लोगों के साथ जोनागुड़ा पहुंची। सोनी ने कहा कि वह नक्सलियों से अपील करने जा रही हैं कि वे जवान को रिहा करें। बुधवार को वे नक्सली नेताओं से मिलने जंगल के भीतर भी गईं। अभी यह तय नहीं है कि उनकी नक्सलियों से मुलाकात हुई या नहीं।

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