ऑक्सिजन संकट: हाई कोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार, कहा- सिस्टम सुधारिए, आपसे नहीं हो रहा तो हम केंद्र के अधिकारी लगाएंगे

 


राष्ट्रीय राजधानी में जारी ऑक्सिजन संकट को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को काफी सख्त रुख अपनाया। दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। कहा आपका सिस्टम पूरी तरह फेल है, किसी काम का नहीं है। सिस्टम ठीक कीजिए। अगर आपके अधिकारियों ने सिचुएशन को नहीं संभाल सकते तो बताइए, हम तब केंद्र के अधिकारियों को लगाएंगे। लोगों को हम मरने नहीं दे सकते। इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली सरकार को एक ऑक्सिजन सप्लायर के यूनिट को टेक ओवर करने का निर्देश दिया क्योंकि वह अदालत में झूठ बोल रहा था।

सप्लायर से बोला कोर्ट- हम आपको अभी कस्टडी में ले लेंगे

दरअसल, सुनवाई के दौरान एक सप्लायर तरुण सेठ ने दावा किया कि उन्हें उन्हें तो सिर्फ 4 अस्पतालों को ऑक्सिजन सप्लाई के लिए कहा गया है। सेठ ने कहा कि जब वह दिल्ली सरकार के अधिकारियों से पूछते हैं कि क्या वह सारा ऑक्सिजन इन्हीं 4 अस्पतालों को भेजें तब वे कहते हैं कि बाकी 76 को भी आपको मैनेज करना होगा। इसी बीच सप्लायर ने महाराजा अग्रसेन अस्पताल के बारे में दावा किया कि वह ऑक्सिजन नहीं ले रहे, कहते हैं कि किसी और अस्पताल को दे दें, हमें जरूरत नहीं। हाई कोर्ट ने उसके इस झूठ को पकड़ लिया। कोर्ट ने कहा कि हम आपको अभी कस्टडी में ले लेंगे।

दिल्ली सरकार को ऑक्सिजन सप्लाई यूनिट के टेकओवर का दिया निर्देश

हाई कोर्ट ने कहा कि इन अस्पतालों में मरीज मर रहे हैं और आप कह रहे हैं कि ये अस्पताल कह रहे हैं कि आप किसी और को दे दें क्योंकि हमें जरूरत नहीं है। हाई कोर्ट ने सप्लायर के दावों पर शक जताते हुए कहा कि वह निश्चित रूप से ब्लैक मार्केटिंग में शामिल हो सकता है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि कल तक यह यूनिट टेक ओवर हो जानी चाहिए। इस पर सरकार ने कहा कि आज ही हो जाएगी।

जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि महाराजा अग्रसेन और वैंकटेश्वरा अस्पताल को तुरंत ऑक्सिजन की सप्लाई इस यूनिट में मौजूद ऑक्सीजन से की जाए, जो इसके सप्लायर हैं। हाई कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि तरुण सेठ बड़ा सप्लायर है यहां और दिल्ली सरकार के आदेश में उसका नाम नहीं है। हम बहुत हैरान है। कुछ फिशी तो है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि यह व्यक्ति 20 मेट्रिक टन लेकर बैठा है। हाई कोर्ट ने सरकार को हलफनामा दायर कर बुधवार तक इसका जवाब देने के लिए कहा।

Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment