युवा वैज्ञानिकों का कमाल, कोरोना मरीज़ों के लिए बनाया ऑक्सीकोन


 

कोरोना संकट में ऑक्सीजन की भारी किल्लत के बीच भोपाल में कुछ युवा वैज्ञानिकों ने नयी मशीन ईजाद की है. इनका दावा है कि इसके ज़रिए बेहद सस्ते दाम पर मरीज़ों को ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकेगी. ये सभी युवा वैज्ञानिक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) के हैं.


मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की कमी पूरा करने के लिए ट्रेन, टैंकर, ट्रक से सप्लाई की जा रही है. दूसरे प्रदेशों से ऑक्सीजन मंगवायी जा रही है. आनन फानन में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. ऐसे हालात के बीच इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईसर) के वैज्ञानिकों ने एक नया उपकरण विकसित किया है. इसका नाम ऑक्सीकोन-कॉन्सेट्रेटर दिया है. उनका दावा है कि इसके जरिए पेशेंट को आसानी से सस्ते दामों में ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी.


95 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन का दावा


इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च(आईसर) के इन वैज्ञानिकों का कहना है कि ऑक्सीकोन से 93 से 95 प्रतिशत शुद्ध ऑक्सीजन सप्लाई हो सकेगी. इसमें कंप्रेशर होता है जो बाहर से हवा लेता है और नाइट्रोजन को निकालकर ऑक्सीजन देता है. ऑक्सीकोन ऑक्सीजन की कमी से निपटने में मददगार है, तो वहीं दूसरी तरफ  open-source तकनीक और सामग्री का उपयोग करके तैयार किया गया है. हर वातावरण के अनुकूल होने के कारण इसे कहीं भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है.


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