आरबीआई (RBI) ने देश में पेमेंट्स बैंक में बैलेंस लिमिट को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया है. इसका सबसे बड़ा लाभ गली-मोहल्ले के छोटे दुकानदारो को होने की उम्मीद है. इसके साथ ही ये देश में डिजिटल लेन-देन और वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में भी मदद करेगा.
रिजर्व बैंक ने पेमेंट्स बैंक के खातों में प्रति व्यक्ति बैलेंस लिमिट बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है. पहले यह सीमा एक लाख रुपये तक थी. यानी अब लोग अपने पेमेंट्स बैंक के खाते में प्रत्येक दिन के अंत तक अधिकतम दो लाख रुपये की जमा रख सकेंगे.
देश में बढ़ेगा डिजिटल लेन-देन देश में फाइनेंशियल इन्क्लूजन (वित्तीय समावेशन) और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ही RBI ने पेमेंट्स बैंक के लाइसेंस दिए गए थे. बुधवार को मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि पेमेंट्स बैंक से कम आय वर्ग, एमएसएमई, गली-मोहल्ले के छोटे दुकानदारों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने में मदद मिली है. इसे लेकर पेमेंट्स बैंक की परफॉर्मेंस की समीक्षा के बाद उनकी लंबे समय से रही बैलेंस लिमिट बढ़ाने की मांग मान ली गई है.
इससे आपको क्या फायदा?
रिजर्व बैंक के इस कदम से कम आय वर्ग, लघु उद्योगों और गली-मोहल्ले के छोटे दुकानदारों की भुगतान क्षमता बढ़ेगी. यह व्यवस्था उन्हें प्रतिदिन दो लाख रुपये तक के आसान भुगतान में सक्षम बनाएगी जिसकी सीमा अभी एक लाख रुपये है. इतना ही नहीं इससे उनकी कैश इन हैंड की क्षमता भी बढ़ेगी और थोड़े बड़े पेमेंट करना भी आसान होगा. अक्सर देखा गया है कि लोग मोबाइल वॉलेट और पेमेंट्स बैंक में कन्फ्यूज हो जाते हैं. लेकिन इस बैलेंस लिमिट को लेकर कन्फ्यूज होने की जरूरत नहीं है. ये ये लिमिट सिर्फ पेमेंट्स बैंक के खातों के लिए बढ़ाई गई है. मोबाइल वॉलेट एक तरह का डिजिटल बटुआ होता है जिसमें रखी राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता.
जबकि पेमेंट्स बैंक ग्राहकों को जमा और भुगतान की सुविधा देते हैं और इसमें ग्राहकों को उनकी जमा पर ब्याज भी मिलता है. इतना ही नहीं पेमेंट्स बैंक अपने ग्राहकों को डिजिटल लेन-देन की सुविधा के साथ-साथ डेबिट कार्ड और चेक भी जारी करते हैं, बस उन्हें कोई लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं देते.
रिजर्व बैंक की RTGS और NEFT जैसी केन्द्रीयकृत भुगतान प्रणाली का उपयोग अभी केवल बैंक ही कर सकते हैं. लेकिन रिजर्व बैंक ने बुधवार को प्रीपेड पेमेंट कार्ड, कार्ड नेटवर्क, वाइट लेबल एटीएम, इत्यादि को भी उसकी इस प्रणाली का उपयोग करने की छूट दे दी. इसके लिए उन्हें केन्द्रीयकृत भुगतान प्रणाली की सदस्यता के लिएआवेदन करना होगा. अनुमति मिलने के बाद ये कंपनियां भी अपने ग्राहकों को RTGS और NEFT की पेशकश कर सकेंगी.
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