नहीं रहे साहित्यकार केदारनाथ सिंह - followers of kedarnath singh paying tribute to veteran poet

नई दिल्ली: जाने माने साहित्यकार केदारनाथ सिंह नहीं रहे. पेट में संक्रमण की शिकायत के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. मंगलवार को दोपहर 3 बजे उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके निधन के बाद साहित्य जगत की हस्तियां और उनके प्रशंसक दुखी हैं. सोशल मीडिया पर लोग उनकी कविताएं, उनसे जुड़े अनुभव साझा कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं. कई राजनीतिक हस्तियों ने भी उनके निधन पर दु:ख जाहिर किया है.

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि केदारजी के काव्य और उनके गद्य ने हिंदी को अलग गरिमा दी. साथ ही उन्होंने बताया कि वे मार्क्सवादी होकर भी अज्ञेय के मुरीद थे और खुले में कहते थे कि तीसरा सप्तक में अज्ञेय का बुलावा उनकी काव्य-यात्रा में बुनियादी मोड़ था. एक लंबी फेसबुक पोस्ट में थानवी ने अस्पताल में उनके साथ बिताए आखिरी पलों का भी जिक्र किया.


साहित्य अकादमी में संपादक, कुमार अनुपम ने भी लिखा, 'केदार जी न सिर्फ हिंदी बल्कि अभी सभी भारतीय भाषाओं के महानतम कवियों में से एक थे. मेरा निजी मत है (कोई सहमत हो या न हो), वे अकेले ऐसे कवि थे जिन्होंने हिंदी कविता की पिछली तीन पीढ़ियों को सर्वाधिक प्रभावित किया है. अपने एक और अभिभावक सी डांट और सलाह अब दुर्लभ हो गई...'



प्रोफेसर जितेंद्र श्रीवास्तव ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि 'पिछले लगभग 25 वर्ष आंखों के आगे झिलमिला रहे हैं. अनाथ-सा महसूस कर रहा हूं. कुछ लिखा नहीं जा रहा है. आप हमेशा मेरी स्मृति में रहेंगे गुरुवर. आपकी अकुंठ हंसी किसी को भी अपना बना सकती थी. आज मेरे हिस्से की छांव थोड़ी कम हो गई . अश्रुपूरित श्रद्धांजलि स्वीकार करें गुरुवर!'

Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment