नई दिल्ली: इंडिया टुडे कर्नाटक पंचायत में अभिनेत्री और कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने कहा कि बीजेपी एक देश, एक धर्म के सिद्धांत पर आगे बढ़ रही है. 'द कल्चर वार्स' विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही.
खुशबू ने कहा, 'हिंदुत्व कोई सभ्यता नहीं है, बल्कि मानवता ही सभ्यता है. यह देश सिर्फ हिंदुत्व, अंधानुकरण का नहीं, यह विविधता का देश है. लोग एक-दूसरे के धर्म में शादी करते हैं. यह सेकुलरिज्म का देश है. लेकिन बीजेपी एक राष्ट्र, एक धर्म की बात कर रही है.'
उन्होंने कहा, 'अटल बिहारी वाजपेयी की हम आज भी तारीफ करते हैं. वे समाज में बराबर की बात करते थे. वह एक बेहतरीन नेता थे. तब इतना विभाजन नहीं था. धर्म व्यक्तिगत मामला है जो घर में रहना चाहिए. यह देश सबका है. भारत 2014 के बाद काफी बदल गया है. यह बदलाव दिख रहा है.'
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान से पहले राज्य की सियासी, सामाजिक और आर्थिक आबोहवा पर मंथन के लिए बेंगलुरु में सजा है महामंच. यह महामंच है इंडिया टुडे ग्रुप की ‘कर्नाटक पंचायत'. इस पंचायत में राजनीति, कारोबार जगत के दिग्गजों के साथ नौकरशाह, टेक्नोक्रेट्स, जानी-मानी हस्तियां और दूसरों पर गहरी छाप छोड़ने वाली कई शख्सियतें भी मौजूद रहेंगी.
बेंगलुरु के होटल ललित अशोक में आज हो रही ‘पंचायत’ में न्यूज़मेकर्स और डिसिज़न-मेकर्स कर्नाटक के लोगों पर असर डालने वाले तमाम मुद्दों पर विचार कर रहे हैं.
इस कॉन्क्लेव से ही सेट होगा आने वाले उस विधानसभा चुनाव का एजेंडा, जिस चुनाव की राष्ट्रीय राजनीति पर छाप दूर तक दिखाई दे सकती है. पंचायत की शुरुआत जिस सत्र के साथ हुई उसका शीर्षक है- 'क्या कर्नाटक पर कब्ज़ा बरक़रार रख पाएगी कांग्रेस?’ इस सत्र में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कांग्रेस का पक्ष रखा.
खुशबू ने कहा, 'हिंदुत्व कोई सभ्यता नहीं है, बल्कि मानवता ही सभ्यता है. यह देश सिर्फ हिंदुत्व, अंधानुकरण का नहीं, यह विविधता का देश है. लोग एक-दूसरे के धर्म में शादी करते हैं. यह सेकुलरिज्म का देश है. लेकिन बीजेपी एक राष्ट्र, एक धर्म की बात कर रही है.'
उन्होंने कहा, 'अटल बिहारी वाजपेयी की हम आज भी तारीफ करते हैं. वे समाज में बराबर की बात करते थे. वह एक बेहतरीन नेता थे. तब इतना विभाजन नहीं था. धर्म व्यक्तिगत मामला है जो घर में रहना चाहिए. यह देश सबका है. भारत 2014 के बाद काफी बदल गया है. यह बदलाव दिख रहा है.'
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान से पहले राज्य की सियासी, सामाजिक और आर्थिक आबोहवा पर मंथन के लिए बेंगलुरु में सजा है महामंच. यह महामंच है इंडिया टुडे ग्रुप की ‘कर्नाटक पंचायत'. इस पंचायत में राजनीति, कारोबार जगत के दिग्गजों के साथ नौकरशाह, टेक्नोक्रेट्स, जानी-मानी हस्तियां और दूसरों पर गहरी छाप छोड़ने वाली कई शख्सियतें भी मौजूद रहेंगी.
बेंगलुरु के होटल ललित अशोक में आज हो रही ‘पंचायत’ में न्यूज़मेकर्स और डिसिज़न-मेकर्स कर्नाटक के लोगों पर असर डालने वाले तमाम मुद्दों पर विचार कर रहे हैं.
इस कॉन्क्लेव से ही सेट होगा आने वाले उस विधानसभा चुनाव का एजेंडा, जिस चुनाव की राष्ट्रीय राजनीति पर छाप दूर तक दिखाई दे सकती है. पंचायत की शुरुआत जिस सत्र के साथ हुई उसका शीर्षक है- 'क्या कर्नाटक पर कब्ज़ा बरक़रार रख पाएगी कांग्रेस?’ इस सत्र में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कांग्रेस का पक्ष रखा.
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