2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के एक सदस्य पर मैच फिक्सिंग का आरोप - match fixing 2011 world cup team member accused

नई दिल्ली: 2011 में भारत ने दूसरी बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था. कुछ दिन पहले ही पूरे देश ने महेंद्र सिंह धोनी के पद्मभूषण अवॉर्ड के साथ इस जीत की 7वीं वर्षगांठ बनाई. हालांकि अब एक बार फिर यह वर्ल्ड कप चर्चा में हैं. मामला है मैच फिक्सिंग का.

मैच फिक्सिंग के आरोप में 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के एक सदस्य की जांच की जा रही है. आरोप है कि इस सदस्य का मैच फिक्सिंग सिंडिकेट से लिंक है. इस मैच फिक्सिंग सिंडिकेट ने पिछले साल जुलाई में जयपुर में एक डोमेस्टिक टी20 टूर्नामेंट भी आयोजित करवाया था.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सबसे पहले यह राजपूताना प्रीमियर लीग (आरपीएल) BCCI के एंटी करप्शन सिक्योरिटी यूनिट के रडार पर आया था. अब राजस्थान पुलिस की सीआईडी टीम इसकी जांच कर रही है. राजपूताना प्रीमियर लीग (आरपीएल) में क्लब क्रिकेटरों ने भाग लिया था और इसका सीधा प्रसारण Neo Sports पर हुआ था. आपको बता दें कि Neo Sports के पास पहले भारतीय क्रिकेट टीम के डोमेस्टिक मैचों के प्रसारण अधिकार थे.

सूत्रों के अनुसार राजस्थान पुलिस को जानकारी मिली है कि मैच फिक्सिंग रैकेट का मास्टरमाइंड ही आरपीएल को धरातल पर उतारने के पीछे था. साथ ही उसका बिजनेस लिंक एक भारतीय खिलाड़ी के साथ है, जो देश के लिए तीनों फॉर्मेट खेल चुका है.


आरोपी प्लेयर इस टूर्नामेंट के इर्दगिर्द भी देखा गया. साथ ही इस टी-20 टूर्नामेंट में भी कई तरह के सवाल उभरे थे. एक उदाहरण के तौर पर फाइनल में कांटे के मुकाबले में आखिरी ओवरों में एक बॉलर ने काफी दूर वाइड बॉल करते हुए 8 बाइ दिए थे. इसी वजह से बीसीसीआई ने राजस्थान पुलिस से लीग की जांच की मांग की थी.


आरोपी 2011 वर्ल्ड कप टीम के सदस्य का नाम 14 आरोपियों से पूछताछ के दौरान सामने आया. इन आरोपियों को सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के आरोप में जयपुर के 4 होटलों से पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया गया था. इनमें आरपीएल के ऑर्गनाइजर्स, खिलाड़ी, अंपायर और कथित सट्टेबाज शामिल हैं. उनके पास से कैश, मोबाइल, वॉकी टॉकी और लैपटॉप बरामद किया गया था. 


सभी गिरफ्तार आरोपियों को जमानत मिल गई है और केस नवंबर में सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया. एडिशनल डीजीपी सीआईडी क्राइम पंकज कुमार ने बताया कि जांच जारी है. भ्रष्टाचार के आरोप सही साबित होने पर हम सख्त एक्शन लेंगे. हालांकि पंकज सिंह ने उस आरोपी खिलाड़ी के रोल के बारे में जानकारी देने से मना कर दिया. सूत्रों के अनुसार पुलिस कॉल डिटेल की मदद से केस की तह पर पहुंचने की कोशिश कर रही है. सूत्रों के अनुसार केस में हाईप्रोफाइल लोगों के नाम सामने आ सकते हैं.


बीसीसीआई और पुलिस के जांच के घेरे में आरपीएल जैसे कई डोमेस्टिक टी-20 लीग आए हैं. जांच करने वाली टीम के अनुसार यह लीग रिएलिटी शो की तर्ज पर टूर्नामेंट करवा रहे हैं. साथ ही अंपायर, प्लेयर और ऑर्गनाइजर बुकीज के साथ मिलकर इन लीग में मैच फिक्सिंग को अंजाम दे रहे हैं.

इन लीगों में मैच फिक्सिंग को सही तरह से अंजाम देने के लिए स्पॉटर और हैंडलर भी मौजूद रह रहे हैं. स्पॉटर बुकीज से मिली जानकारी को अंपायर के साथ वॉकी टॉकी की मदद से साझा करता है और फिर अंपायर उसे प्लेयर के साथ.


आपको बता दें कि श्रीलंका के वर्ल्ड कप विजेता कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल के फिक्स होने का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया था कि मुंबई में भारत और श्रीलंका के बीच हुआ वर्ल्ड कप फाइनल मैच फिक्स था और इस मामले की जांच की मांग की थी. हालांकि वर्ल्ड क्रिकेट के दिग्गजों और खिलाड़ियों ने उनके आरोप को बस श्रीलंका की हार की निराशा बताया था. साथ ही कई लोगों ने बिना सबूत इस तरह के आरोप लगाने पर उनकी आलोचना भी की थी.
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