34 साल बाद निरीक्षण के लिए खोला गया जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार - jagannath temples ratna bhandar inspected after 34 year

नई द‍िल्‍ली : 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार बुधवार को 34 साल बाद निरीक्षण के लिए खोला गया. 16 सदस्यीय टीम ने कड़ी सुरक्षा के बीच इसमें प्रवेश किया और इसकी भौतिक स्थिति का आकलन किया. निरीक्षण ओडिशा हाईकोर्ट के आदेश के बाद किया गया. आदेश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से रत्न भंडार की अवसंरचना स्थिरता और सुरक्षा का निरीक्षण करने को कहा गया था.



श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक पीके जेना ने कहा, 'टीम सदस्यों ने दीवारों, छत और रत्न भंडार के तल का अवलोकन किया. छत और दीवारों में सीलन पाई गई.' निरीक्षण करने वाले16 लोगों में शामिल थे.

पीके जेना के मुताबिक, 'भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण निरीक्षण के बारे में प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर रहा है. हम इसका अध्ययन करेंगे और पांच अप्रैल को हाईकोर्ट में विस्तृत रिपोर्ट दायर की जाएगी.'  उधर, मशहूर कलाकार सुदर्शन पटनायक ने कुछ इस अंदाज में जगन्नाथ मं‍द‍िर का रत्‍न भंडार का नमून पेश क‍िया: अब जगन्नाथ मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश नहीं कर सकेंगे श्रद्धालु


निरीक्षण के दौरान मंदिर परिसर में कोई श्रद्धालु मौजूद नहीं था. टीम के सभी सदस्यों को कोषागार में प्रवेश से पहले त्रिस्तरीय जांच से गुजरना पड़ा. पुलिस के अधिकारियों ने टीम के सदस्यों की तलाशी ली ताकि वे कोई धातु या इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण न ले जा सकें. इस दौरान किसी को भी रत्न भंडार में रखे आभूषणों को छूने की अनुमति नहीं दी गई थी.

गौरतलब है कि रत्न भंडार में देवों के कीमती आभूषण रखे हैं. पिछली बार इसका निरीक्षण1984 में किया गया था. तब इसके सात कक्षों में से केवल तीन कक्ष खोले गए थे.  इससे पहले यह 1978, 1926 और 1905 में खोला गया था. श्री जगन्नाथ मंदिर पुरी में स्थित है और हिन्दुओं के चार धामों में से एक है. तीन अन्य धाम बद्रीनाथ, द्वारका और रामेश्वरम हैं.
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