शहीद औरंगजेब के पिता बोले- फौजी मारता है या मरता है, सेना में जाना न करें बंद- aurangzeb-father-said-my-son-died-but-dont-stop-sending-your-own

जम्मू- कश्मीर के श्रीनगर में भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब को शुक्रवार श्रद्धांजलि दी गई. गुरुवार को आतंकियों ने अगवा करके उनकी हत्या कर दी थी.आतंकियों ने उन्हें पुलवामा से अगवा किया था. मेंढर-पुंछ सड़क पर स्थित सैलानी गांव में शहीद औरंगजेब के पिता का एक मंजिला मकान है. उनके पिता मोहम्मद हनीफ अपने 24 साल के बेटे औरंगजेब की मौत के बाद एक इंटरव्यू में यह बातें कही हैं.14 जून की सुबह जब औरंगजेब ईद मनाने के लिए अपने घर राजौरी जा रहे थे कि उसी दौरान पुलवामा के कालम्पोरा से आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था. 14 जून की शाम ही पुलिस और सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला था. उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान थे.अपने बेटे के मौत से दुखी पिता ने न सिर्फ केंद्र सरकार से बदला लेने की बात कही बल्कि साथ ही कहा कि मेरा बेटा मर गया, लेकिन अगर सभी लोगों ने अपने बच्चों को सेना में भेजना छोड़ दिया तो फिर देश के लिए कौन लड़ेगा.आपको बता दें कि औरंगजेब की मौत से ठीक पहले की तस्वीर सामने आई है. तस्वीर को देखकर साफ लग रहा है कि आतंकियों ने उन्हें बहुत टॉर्चर किया था. औरंगजेब के कपड़ों में मिट्टी लगी थी, जिससे लग रहा कि गोलियों से छलनी करने से पहले उन्हें आतंकियों ने पीटा भी था.जम्मू - कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के औरंगजेब फिलहाल शोपियां के शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे. आपको बता दें कि औरंगजेब के पिता भी सेना में थे और अब रिटायर हो चुके हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पिता हनीफ ने कहा कि, 'हमारा सैनिकों का परिवार है. मौत एक दिन आनी है. मैंने उसे देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती किया था. एक सैनिक का काम है कि वो दुश्मनों का खात्मा करे या फिर शहीद हो जाए.' औरंगजेब की शहादत की खबर मिलने के बाद पूरे गांव में गम का माहौल है. स्थानीय लोग औरंगजेब की शहादत को सलाम कर रहे हैं.हनीफ और राज बेगम की 10 संतानों में जिसमें 4 लड़कियां भी हैं, औरंगजेब चौथे नंबर पर था. हनीफ का बड़ा बेटा मोहम्मद कासिम सेना में कार्यरत है, जबकि उसके दो छोटे बेटे मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शबीर सशस्त्र सेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं. तारिक ने लिखित एवं शारीरिक परीक्षा पास कर ली है और 22 जून को होनेवाले मेडिकल टेस्ट के लिए पुणे में था. शबीर ने शारीरिक एवं मेडिकल परीक्षा की बाधा को पार कर लिया है और लिखित परीक्षा की तैयारी कर रहा है जो कि 27 जुलाई को होना है. औरंगजेब की मौत से उनकी मां बेहद गमगीन है. पूरे गांव में भी गम का माहौल है. स्थानीय लोग औरंगजेब की शहादत को सलाम कर रहे हैं.
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