नई
दिल्ली
:सर्जिकल स्ट्राइक के विडियो पर जारी सियासी घमासान के साथ ही कांग्रेस और
बीजेपी में जुबानी जंग तेज हो गई है। जहां एक ओर कांग्रेस ने प्रेस
कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर सेना के शौर्य, बलिदान, पराक्रम और साहस का
इस्तेमाल राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए करने का आरोप लगाया। वहीं, अब
बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि सेना का मनोबल तोड़ना कांग्रेस की
नीति है। केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस दौरान पीएम मोदी को
औरंगजेब कहने पर निशाना साधते हुए कांग्रेस पर राजनीति में नई गिरावट लाने
का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कांग्रेस से कुछ सवाल भी पूछे। 'सेना का
मनोबल तोड़ना कांग्रेस की नीति'
रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'सेना का
मनोबल तोड़ना ही कांग्रेस की नीति है। जनता के हराए जाने से कांग्रेस हताश
हो गई है। सर्जिकल स्ट्राइक को राहुल गांधी ने खून की दलाली कहा था। पीएम
मोदी को एक समय सोनिया गांधी ने मौत का सौदागर कहा था। सर्जिकल स्ट्राइक पर
कांग्रेस की ओर से घिनौनी बात की गई। अब कांग्रेस सेना की तारीफ की
औपचारिकता कर रही है।' 'कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी से आतंकी खुश'
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी प्रवक्ता ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा,
'कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी से पाकिस्तान को खुशी हो रही है। कांग्रेस को
पाकिस्तान के कुछ आतंकी संगठनों से सर्टिफिकेट मिलेगा, जिस तरह गुलाम नबी
आजाद को लश्कर-ए-तैयबा ने दिया है। उनके नेताओं की टिप्पणियों से आतंकी खुश
हैं। कांग्रेस आतंकियों के हौसले बुलंद कर रही है।' इस दौरान रविशंकर
प्रसाद ने कहा कि सैनिकों के हित में मोदी सरकार ने कई काम किए हैं। वन
रैंक वन पेंशन को देने का काम मोदी सरकार ने किया है। इस दौरान उन्होंने
कहा कि राहुल गांधी होमवर्क नहीं करते और उनके साथ काम करने वाले तो
बिल्कुल होमवर्क नहीं करते।
'हथियारों की खरीद में कमिशन लेती है कांग्रेस'
कांग्रेस पर हथियारों की खरीद में कमिशन खाने का आरोप लगाते हुए रविशंकर
प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी का इतिहास है जब भी हथियारों की खरीद हो
तो बिना कमिशन के उनका कैसे काम चलेगा। कांग्रेस बिना कमिशन हथियार नहीं
खरीदती। नरेंद्र मोदीजी की सरकार में कमिशन बंद है। बिचौलिए और दलालों के
लिए दरवाजे बंद हैं। मोदी सरकार का एक ही मंत्र है जो काम होना है होगा आप
जो भी कहिए और जो काम नहीं होना है नहीं होगा आप कुछ भी करिए।'
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