नई
दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ
में जनार्दन सिंह गहलोत और उनकी पत्नी की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति खारिज
करते हुए कहा कि उन्होंने इसे पारिवारिक व्यवसाय के तौर पर इस्तेमाल करते
हुए संस्था पर कब्जा कर रखा था. हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सनत
कौलत को तब तक महासंघ के कामकाज की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी जब तक
दोबारा चुनाव नहीं कराए जाते.
अदालत ने पूर्व कबड्डी खिलाड़ी और अर्जुन अवार्डी महिपाल सिंह और अन्य
द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाया जिसमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री
जनार्दन सिंह गहलोत और उनकी पत्नी मृदुला भदौरिया गहलोत की नियुक्तियों को
चुनौती दी गई थी. गहलोत अंतरराष्ट्रीय कबड्डी महासंघ के मौजूदा अध्यक्ष भी
हैं. वह 28 साल तक देश के कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष पद पर बने रहे थे जिसके
बाद उनकी पत्नी ने उनकी जगह ली.
अदालत ने गहलोत को फटकार लगाते हुए पाया कि भारतीय महासंघ के मामलों में
पूरी तरह से अराजकता का माहौल था और वह इस बात से भी हैरान था कि पति-पत्नी
ने हर अनिवार्य शर्त को नजरअंदाज किया गया. हाईकोर्ट ने संघ के ‘मेमोरेंडम
ऑफ एसोसिएशन’ और भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ के संविधान में किए गए
संशोधनों को ‘अवैध’ करार दिया और कहा कि उसके पास ‘आजीवन अध्यक्ष’ पद बनाने
का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि भारत की राष्ट्रीय खेल विकास संहिता में इस
तरह के पद का कोई अस्तित्व ही नहीं है.
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कबड्डी महासंघ के आजीवन अध्यक्ष गहलोत को झटका, हाईकोर्ट ने नियुक्ति खारिज की-delhi-hc-removes-kabaddi-federation-mridul-bhadauria-and-janardhan-singh-gehlot
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