कश्मीर: 370 पर दो हिस्सों में बंटी कांग्रेस, व्हाट्सऐप ग्रुप में छिड़ी बहस- Loktantra Ki Buniyad

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाने और राज्य पुनर्गठन के मुद्दे पर कांग्रेस दो हिस्सों में बंटती दिख रही है. पार्टी के मीडिया विभाग के आधिकारिक व्हाट्सऐप ग्रुप में पार्टी प्रवक्ताओं के बीच पक्ष और विपक्ष में बहस हो रही है. कुछ नेता पार्टी के विरोध के रुख से सहमत हैं तो कुछ इसके विरोध की वजह से राजनीतिक नुकसान की आशंका जता रहे हैं. पार्टी में कुछ नेता पार्टी के विरोध के रुख से नाराज हैं लेकिन आलाकमान के रुख को देखते हुए चुप हैं. कांग्रेस भले ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का जमकर विरोध कर रही हो लेकिन पार्टी के कई नेता पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे हैं. इनमें पार्टी के कई युवा नेता भी शामिल हैं. कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. दूसरी ओर देवड़ा ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुच्छेद 370 को उदार बनाम रूढ़िवादी बहस में तब्दील कर दिया गया. पार्टियों को अपनी विचारधारा से अलग हटकर इस पर बहस करनी चाहिए कि भारत की संप्रभुता और संघवाद, जम्मू-कश्मीर में शांति, कश्मीरी युवाओं को नौकरी और कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए बेहतर क्या है. इसके अलावा कांग्रेस के जनार्दन द्विवेदी ने भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने का स्वागत किया. उन्होंने कहा, मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया हमेशा से इस आर्टिकल के खिलाफ थे. इतिहास की एक गलती को आज सुधारा गया है. जम्मू कश्मीर को 2 हिस्सों में बांटने वाला बिल राज्यसभा से पास, पक्ष में पड़े 125 वोट हुड्डा ने ट्वीट कर लिखा, 'मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है. अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास के वातावरण में हो.'
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