चीन ने UNGA में किया कश्मीर कर जिक्र- Loktantra Ki Buniyad

नई दिल्ली: 'PoK में यथास्थिति न बदले चीन' वांग ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान का पड़ोसी होने के नाते चीन चाहता है कि विवाद को प्रभावी ढंग से निपटाया जाए और दोनों तरफ के संबंधों की शुरुआत की जाए।' भारत ने शनिवार को चीन द्वारा कश्मीर मुद्दे पर दिए गए बयान पर विरोध जताया है। भारत ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और सभी देशों को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि सभी देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में गैरकानूनी ढंग से चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के जरिए यथास्थिति को परिवर्तित करने के प्रयासों से बचेंगे।' संयुक्त राष्ट्र में अपने ही भाषण से फंसे इमरान रवीश कुमार ने कहा कि हाल के घटनाक्रम पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। बता दें कि 5 अगस्त को भारत ने अनुच्छेद 370 को खत्म करते हुए जम्मू और कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया। भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में काफी दूरी आ गई। चीन के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाया। इमरान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर फैलाया झूठ इमरान खान ने अपने लंबे भाषण में कश्मीर को लेकर कई तरह की बेतुकी और बेबुनियाद बातें कीं। भारत द्वारा 370 हटाने के बाद से ही पाकिस्तान कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन भारत भी कई मोर्चों पर दुनिया को संदेश दे चुका है कि अनुच्छेद 370 हटाना पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए। भारत यह भी स्पष्ट कर चुका है कि वह इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की दखअंदाजी नहीं चाहता है।चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे का जिक्र करने पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। भारत ने चीन समेत दुनिया के सभी देशों को दो-टूक कहा है कि अनुच्छेद 370 हटाना पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। दरअसल चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यूएन में कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि 'विवाद' को यूएन के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय ढंग से शांति के साथ हल किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे एकतरफा तरीके से 'यथास्थिति' बदल जाए। चीन के इस बयान के बाद भारत ने चीन को आंतरिक मामलों में दखल न देने की नसीहत देते हुए चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) पर आईना दिखाया।
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment