‘नवरात्रि’ के मौके पर क्‍या कहा सोनी सब के कलाकारों ने- Loktantra ki Buniyad




देव जोशी (सोनी सब के ‘बालवीर रिटर्न्‍स’ के बालवीर) हम गुजरातियों के‍ लिये ‘नवरात्रि’ बहुत ही खास त्‍योहार है। मुझे नहीं लगता कि इस साल मैं शूटिंग शेड्यूल की वजह से अपने होमटाऊन, अहमदाबाद जा पाऊंगा। हालांकि, मुझे इस बात की खुशी है कि हम मुंबई में ‘नवरात्रि’ के एक सीक्‍वेंस की शूटिंग कर रहे हैं। ‘बालवीर रिटर्न्‍स’ के सेट पर काफी उत्‍साह है और हर किसी को यहां त्‍योहार का वह माहौल महसूस हो रहा है। मैं उम्‍मीद कर रहा हूं कि मुंबई में कई सारे पंडालों पर जा पाऊंगा। मैं गरबा या डांडिया नहीं कर पाता हूं, इसलिये मुझे बस इस त्‍योहार के आस-पास की रंगीन छटा देखना पसंद है। आमतौर पर मैं अपने पारिवारिक कार्यक्रमों में गरबा करता हूं। ‘नवरात्रि’ की खूबसूरती इसके सदाबहार गानों के साथ आती हैं, जोकि इस उत्‍सव के दौरान बजाये जाते हैं, वैसे मेरा हमेशा से ‘नवरात्रि’ का पसंदीदा गाना’सनेडो’ रहा है। भक्ति राठौर (सोनी सब के ‘भाखरवाड़ी’ की उर्मिला) पिछले साल तक जब तक मेरी शादी नहीं हुई थी, मैं अपने घर पर पूरी तरह पारंपरिक गुजराती अंदाज में ‘नवरात्रि’ मनाया करती थी। पहले दिन गरबा (मटका) स्‍थापित करती थी और नौवें दिन उसे पानी में विसर्जित कर देती थी। मुझे याद है मैं सादा मटका लाया करती थी और अपनी मां के साथ मिलकर उसे पेंट करती थी और इस एक्टिविटी से हमें त्‍योहार का वह माहौल महसूस होता था। पंडालों में जाना और डांस करने से ज्‍यादा मुझे घर पर ‘नवरात्रि’ मनाना, पूजा करना पसंद है। शादी के बाद यह मेरी पहली ‘नवरात्रि’ है और मेरे ससुरालवाले इसे पूरी तरह गुजराती परंपरा से मनाने के लिये काफी उत्‍सुक हैं। गुजराती होने के नाते, डांडिया मेरे खून में है और मुझे पारंपरिक गुजराती म्‍यूजिक पर डांस करना अच्‍छा लगता है। गुजराती लोकगीत मुझे सबसे ज्‍यादा पसंद हैं, लेकिन मुझे खासतौर से 'मोर बने थांगट करे' जैसे गाने अच्‍छे लगते हैं। सिद्धार्थ निगम (सोनी सब के ‘अलादीन:नाम तो सुना होगा’ के अलादीन) ‘नवरात्रि’ एक खूबसूरत त्‍योहार है, जहां हम मां दुर्गा की आराधना करते हैं। इस पवित्र त्‍योहार के दौरान, मेरी मां नियमित रूप से 9 दिनों का व्रत रखती हैं और हम मां दुर्गा की मूर्ति घर लाकर उनकी पूजा करते हैं। यह त्‍योहार मुझे बहुत पसंद है क्‍योंकि मैं मुंबई में गरबा के लिये ‘नवरात्रि’ पंडालों में जाता हूं। मैं हमेशा से ही ‘नवरात्रि’ के लिये पारंपरिक गुजराती कपड़े पहनना चाहता हूं, लेकिन इस बार मैं जरूर इसे पहनने की कोशिश करूंगा। शर्मीली राज (सोनी सब के ‘बालवीर रिटर्न्‍स’ की बाल परी)- ‘नवरात्रि’ मेरे पसंदीदा त्‍योहारों में से एक है, क्‍योंकि मुझे डांस करना अच्‍छा लगता है और यह त्‍योहार डांस तथा बुराई पर अच्‍छाई का त्‍योहार है। एक गुजराती होने के नाते, मुझे हमेशा से ही गरबा खेलना अच्‍छा लगता है और आमतौर पर मैं सुबह के 5 बजे तक इसे खेला करती थी। पारंपरिकक रूप से यह त्‍योहार 9 दिनों तक मनाया जाता है, जहां गरबा (मटका) लाते हैं और उसकी पूजा करते हैं, फिर आखिरकार नौवें दिन उसे जल में विसर्जित कर देते हैं। ‘नवरात्रि’ के दौरान एक अलग ही माहौल होता है और लोगों को गुजराती कपड़ों में देखना निश्‍चित तौर पर आंखों को सुकून देता है। मुझे ‘नवरात्रि’ के दौरान पारंपरिक गरबा संगीत पर डांस करना और सुंदर गहनों के साथ घाघरा चोली पहनना अच्‍छा लगता है।
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment