सीएफआरआइ के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर के घर किराये पर रहते थे नीरज सिंह के हत्यारे - Neeraj singh murder shooter

धनबाद. नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या को अंजाम देने वाले शूटर कुसुम विहार में किराये के मकान में ठहरे थे. इसका खुलासा संबंधित कमरे की तलाशी के दौरान हुआ है.शुक्रवार की रात दंडाधिकारी की मौजूदगी में पुलिस अफसरों ने ताला तोड़कर कमरे की तलाशी ली. कमरे से कई अखबारों की कतरनें मिली हैं, जिनमें नीरज सिंह की तसवीर छपी हुई थी. इसके अलावा अन्य कई कागजात मिले हैं. मकान मालिक अह्लाद राय (72) सीएफआरआइ के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर हैं.

पति-पत्नी घर में रहते हैं. बेटा बाहर रहता है. कमरे की तलाशी में अखबारों से काटकर रखे गये नीरज के फोटोग्राफ्स मिले. कई अखबारों में फोटो अंडरलाइन किये हुए थे. कमरे में मिले अधिकांश सामान नये हैं. मसलन 20 से 25 जोड़े कपड़े, नया किचेन सेट, गैस चूल्हा, कुछ कागजात मिले हैं. बुजुर्ग राय दंपती से पुलिस को कोई चौंकानेवाली जानकारी नहीं मिल पायी. यह जरूर है कि एक युवक का हुलिया व अन्य जानकारी के आधार पर पुलिस ने शूटरों का स्केच तैयार कराया है. स्केच के आधार पर पड़ोसी जिलों बिहार, बंगाल व यूपी पुलिस से मदद मांगी गयी है.


चारों युवक किराये पर रहते थे. एक ही युवक मकान मालिक व सबके सामने आता था. दो बाइक का उपयोग वे लोग करते थे. एक बाइक के नंबर प्लेट पर प्रेम लिखा हुआ था. कमरे से बेडशीट व सौंदर्य प्रसाधन के सामान भी मिले हैं. पुलिस पूछताछ में मकान मालिक सह अह्लाद राय व उनकी पत्नी ने कहा है कि वे लोग ज्यादा बातचीत नहीं करते थे. एक युवक बातचीत करता था. शेष तीन चेहरा भी नहीं दिखाते थे. तीनों दिन भर ज्यादा बाहर ही रहते थे. मकान मालिक से यदा-कदा मुलाकात होती थी. पीने के लिए बाहर से मिनरल वाटर मंगवाते थे.

चारों युवकों ने खुद को बिहार के समस्तीपुर का निवासी बताया था. अह्लाद राय भी समस्तीपुर के रहने वाले हैं. उनका घर खाली था. किरायेदार की तलाश थी. इसको लेकर उन्होंने घर के बाहर “टू लेट” का बोर्ड लगाकर रखा था.

सरायढेला के किसी मुन्ना नामक व्यक्ति ने मध्यस्थता कर चारों युवकों को किराये पर घर दिलवाया था. प्रतिमाह छह हजार रुपये किराया व बिजली बिल अलग से देने की बात तय हुई थी. छह हजार एडवांस देकर चारों ने 23 फरवरी को घर में प्रवेश किया था.

पहचान पत्र मांगने पर युवक आजकल कर टालते गये. बुजुर्ग दंपती को एडवांस किराया मिल गया. साथ ही मध्यस्थ मुन्ना पहले से परिचित था, इस कारण वे लोग पहचान पत्र के लिए ज्यादा जोर नहीं दे पाये. मकान मालिक प्रतिदिन सुबह टहलने जाते थे. लौटने पर पानी का मोटर चला देते थे. मोटर बंद करने के लिए किरायेदार युवकों को बंद करने के लिए कह देते थे. युुवक ही मोटर बंद कर देता था.

22 मार्च (बुधवार) को मार्निंग वॉक से लौटकर अह्लाद राय ने मोटर स्टार्ट कर किरायेदार को बंद कर देने के लिए आवाज दी तो जवाब नहीं मिला. नीचे उतर देखने पर पाया कि कमरा में पिछवाड़े से ताला लगा हुआ. मकान मालिक ने अपने बेटे समेत अन्य लोगों को मामले की जानकारी दी. नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या दो बाइक सवार अपराधियों द्वारा कर दिये जाने की खबर आग की तरह फैल गयी थी. अखबार में 22 मार्च को भी संबंधित खबरें विस्तार पूर्वक छपी थी.

मकान मालिक को अंदेशा हुआ कि किरायेदार ही क्रिमिनल तो नहीं. मकान मालिक ने गुरुवार की शाम आनन-फानन में सरायढेला थाना में घटना की लिखित सूचना दी. पुलिस को एक मोबाइल नंबर भी दिया गया, जो किरायेदार में से एक ने अपना बताया था. लिखित सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को पुलिस रेस हुई. मकान मालिक व उनकी पत्नी को नीरज हत्याकांड की जांच में लगी एक टीम बुलाकर ले गयी, जिन्हें बाद में घर जाने दिया गया.

नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में शामिल लोकल लिंक के बारे में भी जांच टीम को अहम जानकारी मिली है. लोकल लिंक से जुड़े लिंक की खोज में पुलिस टीम गुरुवार की देर रात से  शुक्रवार की आधी रात तक ताबड़तोड़ छापामारी करती रही. हत्याकांड की जांच कर रही एसआइटी व जिला पुलिस को इस बात के सबूत मिले हैं कि हत्या का कारण आर्थिक व राजनीतिक है. हत्याकांड में परदे से पीछे भूमिका अदा करने वाले स्थानीय हैं.

मुख्य रूप से यूपी व बिहार के शूटरों से हत्या करायी गयी है. यूपी के बाहुबली द्वारा शूटरों को भेजा गया था. चार दिनों की जांच के बाद पुलिस इस दिशा में कड़ी जोड़ने में जुटी है. पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे एडीजी सीआइडी अजय कुमार सिंह ने कहा है कि जांच सही दिशा में जा रही  है. हत्याकांड व लोकल लिंक में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. जो लिंक मिले हैं, उसका सत्यापन कर तकनीकी, वैज्ञानिक व कागजी साक्ष्य इकट्ठा किये जा रहे हैं. आधा दर्जन लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है. इनमें एफआइआर में नामजद लोग भी शामिल हैं.
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