पाकिस्तान को सबक सिखाने पर विचार कर रहा है भारत: US अधिकारी- India Considering Punitive Actions



वॉशिंगटन - भारत कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को अलग-थलग करने की दिशा में बढ़ने के साथ ही सीमा पार से जारी आतंकवाद को उसके कथित समर्थन को लेकर पड़ोसी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है। अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी और रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विंसंट स्टुअर्ट ने सेनेट की शक्तिशाली सशस्त्र समिति को विश्वव्यापी खतरों पर हुई सुनवाई के दौरान बताया, 'भारत पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की दिशा में कदम उठा रहा है और साथ ही वह सीमा पार से जारी आतंकवाद को कथित समर्थन को लेकर पाकिस्तान को सबक सिखाने के विकल्पों पर भी विचार कर रहा है ।'
स्टूअर्ट के बयान से एक दिन पहले ही भारतीय सेना ने नौशेरा में सीमा पार पाकिस्तानी ठिकानों पर हमले कर उसके कई बंकर तबाह कर दिए थे। इस हमले में पाकिस्तानी सेना को नुकसान होने की खबरे हैं । उन्होंने कहा कि भारत वृहद हिंद महासागर क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए खुद को बेहतर स्थिति में रखने के लिए अपनी सेना का आधुनिकीकरण करने में लगा है और साथ ही वह एशिया में अपनी राजनयिक और आर्थिक पहुंच को भी मजबूत बना रहा है। अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारत में कई आतंकवादी हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंध बदतर हुए हैं। उन्होंने कहा, 'भारत में खतरनाक आतंकी हमलों की लगातार बनी हुई आशंका, कश्मीर में हिंसा और द्विपक्षीय राजनयिक आरोप-प्रत्यारोप से 2017 में भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और खराब होंगे ।' पिछले वर्ष सितंबर में कश्मीर में सेना के एक शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी। स्टुअर्ट ने कहा, '2016 में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कई सालों में पहली बार भारी गोलाबारी हुई थी तथा दोनों पक्षों ने तनाव के बीच एक दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।'

पाकिस्तान के परमाणु जखीरे के लगातार बढ़ने को रेखांकित करते हुए स्टुअर्ट ने कहा कि अमेरिका को इस जखीरे में इजाफा होने से चिंता है जो कि एक बड़ा खतरा है । हालांकि उन्होंने साथ ही कहा, 'इस्लामाबाद अपनी परमाणु सुरक्षा में सुधार के लिए कदम उठा रहा है और वह अपने इस कार्यक्रम के प्रति आतंकवादियों की ओर से उत्पन्न खतरे से भी वाकिफ है।'
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