वाशिंगटनः मालदीव में आपातकाल की अवधि 30 दिन तक बढ़ाने के निर्णय पर अमेरिका ने बुधवार (21 फरवरी) को नाराजगी जताई और राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा. इस बात की जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने दी है. बता दें कि मालदीव की संसद ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की सिफारिशों को मंजूर करते हुए मंगलवार को देश में आपातकाल की अवधि 30 दिन और बढ़ा दी.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, ‘‘अमेरिका इस खबर से खफा है कि मालदीव के राष्ट्रपति यामीन ने देश में आपातकाल की अवधि 30 दिनों के लिए बढ़ा दी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका राष्ट्रपति यामीन से आपातकाल को समाप्त करने और कानून व्यवस्था बरकरार रखने, संसद और न्यायपालिका को पूर्ण और उचित कार्रवाई करने की इजाजत देने, मालदीव की जनता के संविधान प्रदत्त अधिकारों को बहाल करने और मालदीव के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार बाध्यताओं तथा प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने की अपील करता है.’’इसबीच वॉल स्ट्रीट जर्नल के संपादकीय में माले में चीन के बढ़ते दखल पर चिंता व्यक्त की गई है.
संपादकीय में कहा गया, ‘‘शी चिनफिंग की बेल्ट एंड रोड परियोजना चीन की बढ़ती शक्तियों और प्रभाव का विस्तार करती है, और माले इस नुकसान का एक उदाहरण है. अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन चीन की इस प्रवत्ति को लुटेरी अर्थव्यवस्था कहते हैं और कई मामलों में यह सही भी है.’’ इसके अलावा कहा गया है कि भारत इस बात से चिंतित है कि चीन हिंद महासागर में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने के लिए मालदीव के बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकता है. साथ ही मालदीव के साथ भारत के आर्थिक संबंध घट रहे हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, ‘‘अमेरिका इस खबर से खफा है कि मालदीव के राष्ट्रपति यामीन ने देश में आपातकाल की अवधि 30 दिनों के लिए बढ़ा दी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका राष्ट्रपति यामीन से आपातकाल को समाप्त करने और कानून व्यवस्था बरकरार रखने, संसद और न्यायपालिका को पूर्ण और उचित कार्रवाई करने की इजाजत देने, मालदीव की जनता के संविधान प्रदत्त अधिकारों को बहाल करने और मालदीव के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार बाध्यताओं तथा प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने की अपील करता है.’’इसबीच वॉल स्ट्रीट जर्नल के संपादकीय में माले में चीन के बढ़ते दखल पर चिंता व्यक्त की गई है.
संपादकीय में कहा गया, ‘‘शी चिनफिंग की बेल्ट एंड रोड परियोजना चीन की बढ़ती शक्तियों और प्रभाव का विस्तार करती है, और माले इस नुकसान का एक उदाहरण है. अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन चीन की इस प्रवत्ति को लुटेरी अर्थव्यवस्था कहते हैं और कई मामलों में यह सही भी है.’’ इसके अलावा कहा गया है कि भारत इस बात से चिंतित है कि चीन हिंद महासागर में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने के लिए मालदीव के बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकता है. साथ ही मालदीव के साथ भारत के आर्थिक संबंध घट रहे हैं.
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